कोटा: नगर विकास न्यास के नयापुरा स्थित तरणताल में तैराकी का अभ्यास करने वालों को बिल्कुल शुद्ध पानी मिलेगा। साथ ही लीकेज के कारण होने वाली पानी की बर्बादी भी नहीं हो सकेगी। यह संभव होगा तरणताल में बदले गए पानी के फिल्टर प्लांट के बदले जाने से। तरणताल का निर्माण वर्ष 1994 में किया गया था। उस समय यहां बनाए गए पूल में पानी भरने के लिए बोरिंग के साथ ही फिल्टर प्लांट लगाया गया था। जिससे पूल में पानी भरने और तैराकी करने के दौरान गंदा होने वाले पानी को बाहर फैकने व शुद्ध पानी वापस पूल में भरने का काम किया जाता है। फिल्टर प्लांट से यह काम पिछले 28 साल से किया जा रहा था। लेकिन प्लांट पुराना होने से उसमें कई तरह की समस्या होने लगी थी। पम्प की क्षमता कम होने के साथ ही पाइप लाइन के पुराना होने से उसमें से पानी लीकेज होने लगा था। जिससे पानी की बर्बादी अधिक हो रही थ। पप् की क्षमता कम होने से वैसे तो पूल में शुद्ध पानी ही भरा जा रहा था लेकिन वह पूरी क्षमता से पानी को रिसाइकिल व फिल्टर नहीं कर पा रहा था। जिससे तैराकों को भी आपत्ती होने लगी थी।
प्रशिक्षण व प्रतियोगिताओं के आता काम
न्यास का यह तरणताल वैसे तो सालभर काम आता है। जिसमें स्वीमिंग से संबंधित प्रतियोतिाओं का आयोजन होता है। साथ ही गर्मी के मौसम में तैराकी सीखने वालों के काम भी आता है। प्रशिक्षण, अभ्यास व प्रतियोगिता के लिए इस तरणताल का उपयोग किया जाता है। इस बार भी काम पूरा होने के बाद अप्रैल के पहले सप्ताह में इसके शुरू होने की संभावना है।
65 लाख से लगाया नया फिल्टर प्लांट
फिल्टर प्लांट के पुराना होने व पाइप लीकेज होने की समस्या को देखते हुए नगर विकास न्यास द्वारा इसका स्थायी समाधान किया गया। जिसके तहत पूरा फिल्टर प्लांट ही बदला गया है। नया फिल्टर प्लांट लगाने का काम किया जा रहा है। जिसमें पम्प से लेकर पूरी पाइप लाइन तक बदली गई है। इसके साथ ही क्लोरीन व डोजिंग सिस्टम समेत कई अन्य काम भी किए जा रहे हैं। इस पूरे काम का बजट करीब 70 लाख था लेकिन काम करीब 65 लाख रुपए में पूरा होने का अनुमान है।
पूल की क्षमता करीब 30 लाख लीटर पानी
तरणताल में जो पूल बना हुआ है। उसें एक बार में पानी भरने की क्षमता करीब 30 लाख लीटर है। इतना अधिक पानी भरने व उसे साफ करने और गंदा पानी बाहर निकालने के लिए नया फिल्टर प्लांट कारगर साबित होगा। जानकारी के अनुसार तरणताल के पुल की लम्बाई 50 मीटर,चौड़ाई 21 मीटर व गहराई करीब 3 मीटर है।
इनका कहना है
तरणताल वर्ष 1994 में बना था। उसी समय का फिल्टर प्लांट लगा हुआ था। लेकिन इतना अधिक समय होने से वह पूरी तरह से खराब हो चुका था। पम्प की क्षमता कम होने और पाइपों से पानी लीकज होने की समस्या हो रही थी। इसे देखते हुए पूरे फिल्टर प्लांट को बदलकर नया किया गया है। इसका करीब 70 लाख का कार्यादेश था। काम पूरा होने वाला है। तरणताल को 2 अप्रैल से शुरू किया जाएगा।
- राजेश जोशी, सचिव, नगर विकास न्यास