जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के दो साल बाद भी पुलिस (Police) विभाग के सेवानिवृत्त कर्मचारी को पेंशन परिलाभ नहीं देने पर नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अदालत ने आदेश की पालना के लिए समय देते हुए गृह सचिव को 15 फरवरी को पेश होकर अपना स्पष्टीकरण देने को कहा है. अदालत ने कहा है कि यदि आदेश की पालना कर ली जाती है तो सचिव को हाजिर होने की जरूरत नहीं है. जस्टिस महेन्द्र गोयल ने यह आदेश सूरत (Surat) सिंह की अवमानना याचिका पर दिए. अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेश महर्षि ने आदेश की पालना के लिए तीन दिन का समय मांगा. इस पर अदालत ने एएजी को समय देते हुए आदेश की पालना नहीं होने पर 15 फरवरी को गृह सचिव को पेश होने के आदेश दिए.
अवमानना याचिका में अधिवक्ता हितेष बागड़ी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता पुलिस (Police) विभाग में वायरलेस कर्मचारी के तौर पर कार्यरत था. याचिकाकर्ता के सेवानिवृत्त होने के बाद विभाग ने उसे पेंशन परिलाभ नहीं दिए. इस पर उसने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पेंशन परिलाभ दिलाने की गुहार की. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 22 अक्टूबर 2020 को विभाग को पेंशन परिलाभ देने के आदेश दिए. अवमानना याचिका में कहा गया कि अदालती आदेश के दो साल बीतने के बाद भी अब तक याचिकाकर्ता को पेंशन व अन्य परिलाभ नहीं दिए गए हैं. ऐसे में दोषी अधिकारियों पर अदालती आदेश की अवमानना की कार्रवाई की जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने 15 फरवरी तक आदेश की पालना नहीं होने पर गृह सचिव को पेश होकर अपना स्पष्टीकरण देने को कहा है.
