जयपुर न्यूज: सरकार ने संविदा कर्मियों को नियमित के नाम पर सपना दिखाकर पांच साल बाद सेवाएं समाप्त करने की अवधि ही तय कर दी। चिकित्सा विभाग में विभिन्न पदों पर काम कर रहे 44,833 संविदा कर्मियों के साथ छलावा किया जा रहा है। नियमित के लिए बार-बार घोषणा करते रहे, लेकिन आज दिनांक तक नियमितीकरण का रास्ता नजर नहीं आ रहा है। नेशनल हैल्थ मिशन की ओर से अब तक 12 हजार से अधिक संविदा कर्मचारियों को रूल्स के तहत नियुक्ति पत्र देने से नाखुश है, क्योंकि नियुक्ति पत्र में 5 साल बाद में स्वत: ही सेवाएं समाप्त होने का उल्लेख है।
नियुक्ति पत्र में परिलाभ का उल्लेख ही नहीं
राजस्थान कान्ट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स-2022 के तहत संविदा कर्मचारियों को दिए गए नियुक्ति पत्र में न तो सालाना दिया जाने वाला इन्क्रीमेंट और ना ही किसी तरह का अन्य परिलाभ देने का उल्लेख नहीं है। कर्मचारी मजबूरी में आकर और ज्वाइंनिंग दे रहा है, क्योंकि उम्र के चलते अन्य कोई रास्ता नहीं दिख रहा।
सरकार को चुनाव की आचार संहिता का इंतजार
संयुक्त संविदा मुक्ति मोर्चा प्रदेश महासचिव रामस्वरूप टांक का कहना है कि सरकार 1 लाख संविदा कर्मचारियों के साथ बार-बार नियमों में बदलाव करने से नियमितीकरण का रास्ता नजर नहीं आ रहा है। कर्मचारियों को आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिल रहा। आचार संहिता के चार माह बचे हैं। ऐसे में सरकार से नियमित होने की उम्मीद अभी भी है।