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अलवर। ITBP (भारत-तिब्बत सीमा सुरक्षा बल) के हेड कॉन्स्टेबल भूप सिंह मीणा उर्फ भूपेंद्र (35) की दिल्ली में गोली मारकर हत्या कर दी गई। भूपेंद्र अलवर का रहने वाला था। वर्तमान में उसकी तैनाती दिल्ली स्थित द्वारका जिले के छावला कैंप में थी। घटना बुधवार दोपहर करीब सवा दो बजे की है। आरोप है कि ITBP (2 आईसीसी रैंक) अधिकारी लोकपाल सिंह जादौन के बेटे दिग्विजय सिंह (32) ने पिता की लाइसेंसी पिस्टल से हत्या की है। लोकपाल सिंह के यहां पिछले 2 साल से भूपेंद्र कुक था। छावला स्थित आईटीबीपी कैंपस के ब्लॉक 1, टाइप 4 के क्वार्टर से गोलियों की आवाज आई। आईटीबीपी का एक जवान लोकपाल सिंह के क्वार्टर की ओर भागा। वहां से फ्लैट को लॉक कर आरोपी दिग्विजय बाहर आ रहा था। जवान ने उसे दबोच लिया। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई।
पुलिस टीम मौके पर पहुंची। आइटीबीपी के एएसआई अशोक कुमार, हेड कॉस्टेबल उमेश कुमार व एक अन्य जवान ने दिग्विजय को पकड़ रखा था। पुलिस की मानें तो पूछताछ में आरोपी ने कबूल किया उसने क्वार्टर में भूप सिंह मीणा (भूपेंद्र) का मर्डर कर दिया। हत्या के बाद पिस्टल को बालकनी से बाहर फेंक दिया। वारदात कबूल करते हुए आरोपी ने कहा- बुधवार सुबह पापा का पर्स गुम हो गया था। उसके बाद मेरी मां ने मुझसे पूछताछ की तो मुझे बुरा लगा। उसी वक्त हमारा कुक भूप सिंह भी दोपहर 12.20 बजे घर आ गया। मैंने उससे पर्स के बारे में पूछा तो उसने कोई जवाब नहीं दिया। मैं भूप सिंह से पहले से रंजिश रखता था, क्योंकि वो मेरा घर खराब कर रहा था। मैं अंदर गया और पिता की पिस्टल निकाल लाया। इसके बाद रसोई में मौजूद कुक पर फायरिंग कर दी। मैंने कई फायर किए। एक गोली उसकी बाईं आंख में लगी। भूप सिंह भागकर बालकनी की तरफ गया, वहां उसकी मौत हो गई।
वारदात के वक्त मां घर पर नहीं थी। मैं भागकर अपने कमरे में गया। कपड़े चेंज किए और फ्लैट को लॉक कर नीचे आ गया। इसके बाद पुलिस ने आरोपी से फ्लैट की चाबी ली और फ्लैट खोला। वहां जवान भूप सिंह की बॉडी बालकनी में मिल गई। पुलिस के साथ आईटीबीपी के साथियों ने भूपेंद्र को उठाकर हॉस्पिटल पहुंचाया, जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया। भूपेंद्र पुत्र नंदाराम मीणा निवासी भोराजवाला रामपुर (बानसूर) का रहने वाला था। वह अपनी पत्नी, बेटे जतिन (5) और ताशु (3) के साथ कैंप में रहता था।
जानकारी के अनुसार, दिग्विजय सिंह ने पिता की लाइसेंसी पिस्टल से हेड कॉस्टेबल की हत्या कर दी। उसने पांच गोली मारी। पुलिस की क्राइम और एफएसएल टीमों ने मौके से साक्ष्य जुटाए। दिग्विजय को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ना मिलते ही गांव में शोक की लहर दौड़ गई। बुधवार शाम ही कॉन्स्टेबल के परिजन दिल्ली पहुंच गए। गुरुवार देर रात शव पैतृक गांव पहुंचेगा। शुक्रवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा।
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