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प्रदेश के 19 शहरों में अब हॉलमार्किंग ज्वैलरी की ही बिक्री
Jaipur: राजस्थान (Rajasthan) समेत देशभर में हॉलमार्किंग ज्वैलरी (Hallmarking Jewellery) की बिक्री को लेकर भारतीय मानक ब्यूरो (Indian Standards Bureau) पर कड़ा रुख अपनाएगा. देश के 256 और राजस्थान के 18 शहरों में सिर्फ हॉलमार्क ज्वैलरी बिकेगी. इसमें प्रदेश के 11 जिले कवर होंगे.
जिन शहरों में हॉलमार्क केंद्र नही है, वहां देश और प्रदेश में फिलहाल बिना हॉलमार्क के भी आभूषण की बिक्री की जा सकेगी. पूर्व में देश भर में सर्राफा व्यापारियों ने हॉलमार्क की अनिवार्यता का विरोध किया था. केंद्र सरकार ने 30 नवंबर तक पुराने आभूषण के स्टॉक को हॉलमार्क युक्त कराने के निर्देश दिए गए थे.
प्रदेश के 19 शहरों में अब हॉलमार्किंग ज्वैलरी की ही बिक्री
देशभर के 256 शहरों में इस निर्णय की शुरूआत
प्रदेश के 18 जिलों में अब बिकेगी हॉलमार्किंग ज्वैलरी
भारतीय मानक ब्यूरो भी अब जागरूकता के साथ बढ़ाएगा सख्ती
BIS अधिकारी अब उपभोक्ता हित में बढ़ाएगें जांच का दायरा
हॉलमॉर्किंग सेंटर की संख्या में भी इजाफे की है तैयारी
BIS जयपुर प्रथम की प्रमुख कनिका कालिया बयान
ज्वैलरी की शुद्धता को लेकर उपभोक्ता हित में है बड़ा फैसला
ज्वैर्ल्स को नि:शुल्क् पंजीकरण की दी जार रही है सुविधा
देशभर की तरह राजस्थान में भी सफलतापूर्वक लागू करने के प्रयास
बिना हॉलमार्क की ज्वैलरी पर देना होगा जुर्माना
बिना हॉलमार्क ज्वैलरी बिक्री पर अब जुर्माना लगेगा. उपभोक्ता हित में केंद्र सरकार की इस पहल को प्रदेश के 18 शहरों में लागू किया गया है. इन प्रावधानों के तहत ज्वैलरी शॉप यदि बिना हॉलमार्क के आभूषण बिक्री करता पकड़ा गया, तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा. इसके लिए बीआईएस सर्विलांस अपनी निगाह गड़ाए रहेगा. विभाग के द्वारा आभूषण कारोबारी बीआईएस की सर्विलांस टीम की हद में रहेंगे ज्वैलरी आउटलेट पर अचानक चेकिंग शुरू की जाएगी. ज्वैलरी कारोबारियों को हॉलमार्क से संबंधित सूचना बोर्ड भी लगाने होंगे.
गोल्ड ज्वैलरी की बिक्री में हॉलमार्किंग जरूरी
हॉलमार्किंग से जुड़ी नियमों का गजट नोटिफिकेशन जारी होने के बाद यह लागू हो गया था, नई प्रक्रिया होने से ज्वैर्ल्स को 30 नवंबर तक कका अतिरिक्त समय दिया गया था. भारतीय मानक ब्यूरो, खण्ड प्रथम, जयपुर की प्रमुख कनिका कालिया का कहना है कि ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैण्डर्स के नियमों में बदलाव की सूचना भारतीय राजपत्र में प्रकाशित होते ही कानूनी रूप से प्रभावी हो गया था. अब गोल्ड ज्वैलरी की बिक्री में हॉलमार्किंग जरूरी है. सालाना 40 लाख रुपये टर्नओवर के कारोबारियों पर यह शुरू में लागू हुआ है. देश के 256 जिलों और राजस्थान के 18 जिलों में 16 जून से यह प्रावधान लागू हो गए थे. इस योजना से ज्यादा से ज्यादा ज्वेलर्स जुड़े इसके लिए रजिस्ट्रेशन फीस संपूर्ण रूप से समाप्त कर दी गई है. 40 लाख रुपये वार्षिक तक का टर्नओवर है, उनको रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं होगी.
मैन्युफैक्चर को भी लाइसेंस के दायरे में लाया गया
पोल्की मीना, कुंदन, जड़ाऊ ज्वैलरी और घड़ी को हॉल मार्किंग से बाहर रखा गया है. ज्वेलर्स को 30 नवंबर तक हाल मार्किंग कराने के लिए समय दिया गया है. इस समय तक जितना भी स्टॉक है, वह हॉलमार्क कराना आवश्यक होगा. 1 सितंबर तक सीजर और छापेमारी पर रोक थी. मैन्युफैक्चर को भी लाइसेंस के दायरे में लाया गया है, अगर रिटेलर चाहता है तो वह उसका बैच नंबर पर भी मैन्युफैक्चर से माल बनवा सकता है. अब अगर ज्वैलर देरी करेंगी तो नियमों के तहत कार्रवाई होगी.
भारतीय मानक ब्यूरो के इस निर्णय का लाभ उपभोक्ताओं को मिलना तय है. शुद्वता की गारंटी अब ज्वैलरी खरीदने वाले उपभोक्ताओं को मिल सकेगी.
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Gulabi
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