चार हजार बच्चों को प्रवेश व शिक्षक को नौकरी दिलाने के नाम पर वसूला शुल्क
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अलवर न्यूज़: कोविड के बहाने कुछ लोगों द्वारा राजस्थान के कई जिलों में गरीब व अनाथ बच्चों को पढ़ाने के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी करने का मामला सामने आया है। ठगी का मुख्य आरोपी सोमवार को किसी पुराने मामले में अलवर कोर्ट आया तो सदर थाना पुलिस ने उसे हिरासत में लिया।
एसपी ने मामले की जांच कर जल्दी एक्शन लेने की बात कही है। पीड़ित पक्ष व उनके वकील के अनुसार रंजीत सहित कई लोगों ने एक कंपनी बनाकर अकेले राजस्थान से करीब 6 करोड़ और कई राज्यों से करीब 25 करोड़ रुपए ठगे हैं। हालांकि अभी इस मामले की पूरी जांच होगी। उसके बाद असलियत पता चलेगा।
एक दिन पहले ही अलवर सदर थाना क्षेत्र के ठेकड़ा गांव निवासी अख्तरी पुत्र नब्बी खान ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि रणजीत पुत्र श्याम प्रसाद निवासी मयूरविहार नोएडा, सोलजा शर्मा निवासी पंचशील नोएडा, श्रुति यादव निवासी दिल्ली, इतहजूतार निवासी एमपी, दशरथ सिंह जाट निवासी जटवाडा़ लक्ष्मणगढ़, राजेंद्र पुत्र नेकीराम निवासी झापरी कोटकासिम, रविंद्र धवन निवासी नमन होटल 200 फीट रोड अलवर ने मिलकर टीडीपीआई व लक्ष्मी देवी महिला मंडल ट्रस्ट के नाम से गरीब व विधवाओं के बच्चों को नि:शुल्क पढ़ाने का प्लान बनाया था।
जिसमें इन्होंने अलवर, भरतपुर, दौसा व करौली सहित अन्य जगहों पर टीचर, ब्लॉक कोऑर्डिनेटर, डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर, डिवीजन कोऑर्डिनेटर बनाए। उनसे 500-500 रुपए रजिस्ट्रेशन शुल्क बैंक खाते में जमा कराया। इसके बाद कहा कि गांवों में बच्चों को निशुल्क पढ़ाएंगे। उनको ड्रेस व अन्य सामग्री भी मिलेगी। प्रति टीचर से 300 रुपए रजिस्ट्रेशन शुल्क लिया।