कोटा: कोटा सुकेत कस्बे से होकर झालावाड़ जाने वाले नेशनल हाइवे-52 पर झिरनिया घाटी में जगह-जगह मृत मवेशी पड़े होने से हादसे का अंदेशा बना हुआ है। वाहन चालक व राहगीर इनकी दुर्गंध से ज्यादा परेशान हो रहे हैं। इन मृत पड़े मवेशियों पर कोई ध्यान देने वाला नहीं है। कई दिनों तक पड़े रहने के बावजूद इन्हें हटाने का कोई जिम्मेदार नजर नहीं आता। गुरुवार को भी इस रोड पर एक गाय, एक भैंस और एक भेड़ मृत पड़ी थी। दुर्गंध से पूरा मार्ग वाहन चालकों को सांस रोक कर चलना पड़ा।
नेत्र शिविर लगाया, 313 मरीजों की जांच
कोटा। संत संत कंवरराम सिंधी धर्मशाला में गुरुवार को नेत्र चिकित्सा_जांच और ऑपरेशन शिविर का आयोजन किया गया। धर्मशाला अध्यक्ष गिरधारी पंजवानी ने बताया कि शिविर में 313 मरीजों की जांच की गई और 27 मरीजों में मोतियाबिंद के पाए गए, जिनका ऑपरेशन डॉ. सुधीर गुप्ता के सानिध्य में नयापुरा हॉस्पिटल में किया गया। इस शिविर में हाड़ौती सिंधी पंचायत द्वारा आए हुए मरीजों को निशुल्क चश्मे वितरित किए गए। सतीश गोपलानी, प्रकाश मलकानी द्वारा सेवाकार्य किया गया और मरीजों को भोजन प्रसादी दी गई, जिसमें जगदीश पंजवानी, नारायण लालवानी, नंद राजानी द्वारा भोजन सेवा की गई। संत कंवरराम सिंधी धर्मशाला के पदाधिकारियों द्वारा मरीजों और डाक्टरों का स्वागत सत्कार किया गया।
शिविर से गायब शिक्षकों को लेकर मांगी तथ्यात्मक रिपोर्ट
कोटा राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की ओर से भावी संस्था प्रधान 237 उप प्राचार्यों को अनुशासन का पाठ सिखाने व क्षमता संवर्द्धन के लिए बुधवार से दस दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण शिविर शुरू हुआ। शिविर में उप प्राचार्यों को रात में भी ठहरने के निर्देशित किया हुआ था, लेकिन शिक्षक रात के समय नदारद रह रहे है। इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी प्रदीप चौधरी ने एडीपीसी उषा पंवार से तथ्यात्मक रिपोर्ट तलब की है। डीईओ ने एडीपीसी को सुबह-शाम दोनों समय शिक्षकों की उपिस्थति के निर्देश दिए है। गायब हुए शिक्षक की रिपोर्ट प्रेषित करने के निर्देश दिए है, ताकि उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सके। गौरतलब है कि राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने पहली बार जिला स्तर पर प्रति शिक्षक के लिए एक हजार रुपए का बजट जारी किया है। इस तरह से दस दिवसीय शिविर में प्रतिदिन 2 लाख 37 हजार रुपए खर्च हो रहे है। शिक्षा विभाग की ओर से छावनी स्थित एक होटल में इसकी व्यवस्था की गई है।