राजस्थान

पिता ने की बेटी से रेप की कोशिश और मां से मारपीट

Admin4
13 April 2023 9:16 AM GMT
पिता ने की बेटी से रेप की कोशिश और मां से मारपीट
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श्रीगंगानगर। श्रीगंगानगर अनूपगढ़ थाना क्षेत्र के एक गांव में बेटी से छेड़छाड़ और रेप की कोशिश करने वाले पिता को कोर्ट ने 5 साल की सजा और 20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। जानकारी के अनुसार 13 नवंबर 2020 को एक पिता ने अपनी 14 साल की बेटी के साथ छेड़छाड़ और रेप की कोशिश की थी। जिस पर बच्ची की मां ने 16 नवंबर 2020 को अनूपगढ़ थाने में मामला दर्ज कराया था। जिसके बाद तत्कालीन थानाधिकारी सुरेंद्र सिंह पूनिया मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी पिता को तुरंत प्रभाव से गिरफ्तार कर लिया और कोर्ट में पेश किया। जिस पर कोर्ट ने आरोपी को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया। जिसके बाद मामले में पोक्सो कोर्ट ने आरोपी पिता को 5 साल की जेल और साढ़े 20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।
सरकारी वकील गुरचरण सिंह रूपाना ने बताया कि 13 नवंबर 2020 की रात लगभग 12 बजे अनूपगढ़ थाना क्षेत्र के एक गांव में एक पिता ने अपनी 14 वर्षीय बेटी के साथ छेड़छाड़ की और दुष्कर्म करने की कोशिश की। नाबालिक लड़की की मां ने जब इसका विरोध किया, तो आरोपी ने उसके साथ डंडों से मारपीट की। नाबालिक लड़की की मां ने अपने पिता के साथ अनूपगढ़ पुलिस थाने में आकर 16 नवंबर 2020 को अपने ही पति के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था। महिला ने बताया था कि आरोपी नशा करने का भी आदी है। इस पर तत्कालीन थानाधिकारी सुरेंद्र कुमार पूनिया ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को तुरंत प्रभाव से गिरफ्तार कर लिया था और आरोपी को न्यायालय में पेश किया था।
इस मामले में करीब ढाई साल चली सुनवाई के बाद पोक्सो कोर्ट संख्या 1 के न्यायधीश सुरेंद्र खरे ने फैसला सुनाते हुए आरोपी पिता को नाबालिक बच्चे के साथ छेड़छाड़ और दुष्कर्म के मामले में 5 साल की सजा सुनाई है और ₹20000 का जुर्माना लगाया है। अगर आरोपी जुर्माना नहीं देता है तो उसे 6 महीने की अतिरिक्त जेल भुगतनी होगी। वहीं पत्नी से मारपीट के मामले में 6 महीने की जेल और 500 रुपए का जुर्माना लगाया है। इस दौरान वह जुर्माना नहीं देता तो उसे 7 दिन की अतिरिक्त जेल होगी। फैसला आने बाद नाबालिक बच्ची की मां ने बताया कि बड़े ही दुख की बात है कि मेरी बेटी के साथ उसके पिता ने ही घिनौना काम करने की कोशिश की थी। इस घटना से मैं और मेरी बेटी बिल्कुल टूट चुके थे। मगर मुझे कोर्ट पर विश्वास था और आखिर मुझे और मेरी बेटी को न्याय मिल ही गया।
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