नेशनल हाईवे 27 पर जानलेवा गड्ढे बन रहे हादसों का सबब, हाईवे की हालत हो रही खस्ताहाल
राजपुर: कस्बे से निकलने वाले कोटा शिवपुरी नेशनल हाईवे 27 पर जगह-जगह गहरे गड्ढें और हाईवे मार्ग खस्ताहाल होने के कारण आए दिन इस मार्ग पर वाहन चालक दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं, लेकिन नेशनल हाईवे अधिकारी वाहन चालकों से टोल वसूली तो पूरी ले रहे हैं लेकिन इस क्षतिग्रस्त हाईवे की मरम्मत करवाने में कोई दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। इसके चलते वाहन चालकों में रोष बना हुआ है तथा नेशनल हाईवे 27 पर जगह जगह घाटी क्षेत्र में विकट मोड है। इन पर कोई संकेत बोर्ड भी नहीं लगे हैं। ऐसे में वाहन चालकों को दिशा संकेत और विकट गुम होने का कोई पहले से जानकारी नहीं मिल पाती है। इस वजह से सबसे ज्यादा वाहन चालक दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं लेकिन इस मामले को लेकर हाईवे विभाग के आला अधिकारी गंभीरता से ध्यान नहीं दे रहे हैं। हाईवे अधिकारियों के मनमाने रवैए के चलते वाहन चालकों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
वाहन चालक इस्लाम खान, लड्डू गोपाल, हरिचरण, सत्येंद्र आदि वाहन चालकों ने बताया कि नेशनल हाईवे 27 पर जगह-जगह इतने भयानक गहरे गड्ढे हैं कि वाहन चालकों को ऐसे स्थानों पर अंदाजा भी नहीं लग पाता है और अकस्मात लोग ऐसे स्थानों पर दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं। कई स्थानों पर हाईवे की स्थिति बद से बदतर बनी हुई है और कई स्थानों पर हाईवे की पुलिया पर हाईवे धंस चुका है। ऐसे में तेज स्पीड में आने वाले वाहन जंपिंग का शिकार होकर दुर्घटना के शिकार बन जाते हैं। हाईवे अधिकारियों की मनमानी व लापरवाही के चलते इस मार्ग पर महीने में एक दर्जन से ज्यादा दुर्घटनाएं होती हैं। जिसमें वाहन चालक अपनी जान भी गंवा बैठते हैं। वाहन चालकों का कहना है कि टोल चुंगी नाके पर शिकायत पुस्तिका में भी कई बार वाहन चालक अपनी शिकायत दर्ज करवाने के लिए पहुंचते हैं तो कर्मचारियों के मनमानी रवैया के चलते शिकायत पुस्तिका में भी शिकायत दर्ज नहीं कर पाते हैं।
हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत के बाद भी नहीं ले रहे सुध: समस्या को लेकर कई वाहन चालकों ने सरकार की हेल्पलाइन नंबर पर भी शिकायत की है लेकिन वह शिकायत पर भी कोई अमल नहीं होता है हाईवे पर कई बार वाहन चालक दुर्घटना के शिकार होते हैं तो हाईवे को वनवे कर दिया जाता है और दुर्घटना ग्रस्त स्थान पर कोई साफ सफाई नहीं की जाती है। ऐसे में हाईवे पर टूटे-फूटे वाहनों के उपकरण और शीशे पड़े रहते हैं। इनसे भी वाहन चालक दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं और कई दिनों तक नेशनल हाईवे 27 पर वाहन दुर्घटना का शिकार होने पर जाम लगा रहता है। इन दुर्घटनाग्रस्त वाहनों के लिए हाईवे से हटाने के लिए कोई सुविधाएं नेशनल हाईवे पर मुहैया नहीं कराई गई है। ऐसे में दुर्घटनाग्रस्त हुए वाहन चालक और मालिक वाहन को उठाने के लिए शिवपुरी कोटा बारा से क्रेन मंगवाते हैं। जिनसे मनमाना किराया वसूला जाता है। लोगों में दुर्घटना घटित होने का भय व्याप्त है। लोगों ने संकेत बोर्ड लगाने और दुर्घटना ग्रस्त स्थान की साफ सफाई करवाने की मांग की है।
कोटा शिवपुरी नेशनल हाईवे 27 सड़क मार्ग जगह-जगह से पूरी तरह खस्ताहाल हो चुका है। ऐसे में इस मार्ग पर दुर्घटनाएं हो रही है। संबंधित विभाग के हाईवे अधिकारियों को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए ताकि दुर्घटनाओं में कमी हो।
- अरविंद शर्मा, एडवोकेट, शाहाबाद।
कोटा शिवपुरी नेशनल हाईवे 27 घाटी क्षेत्र में संकेत बोर्ड भी नहीं लगे हैं। वाहन चालकों को खतरनाक मोडो का पता नहीं चल पाता है। ऐसे में वाहन चालक दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं। वाहन चालकों को आने जाने में काफी परेशानी होती है। विभाग को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए।
- रामदयाल मेहता, भाजपा किसान मोर्चा, मंडल अध्यक्ष शाहाबाद।
जगह-जगह इतने भयानक गहरे गड्ढे हैं कि वाहन चालकों को ऐसे स्थानों पर अंदाजा भी नहीं लग पाता है और अकस्मात लोग ऐसे स्थानों पर दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं।
- मोहम्मद शरीफ, वाहन चालक।
नेशनल हाईवे 27 पर आए दिन वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। इसका मुख्य कारण खस्ताहल हाईवे पर बने गहरे गड्ढे जानलेवा साबित हो रहे हैं। हाईवे अधिकारी वाहन चालकों से टोल वसूली के नाम पर पैसा वसूल रहे हैं लेकिन सुविधाएं मुहैया नहीं करा पा रहे हैं।
- रितेश राठौर, भाजपा युवा नेता, केलवाड़ा।
कोटा शिवपुरी नेशनल हाईवे 27 वाहन चालकों के लिए राहत भरा सफर मुहैया नहीं करा पा रहा है। इस मार्ग पर गहरे गड्ढे वाहन चालकों के लिए आवाजाही में परेशानी का सबब बने हुए हैं। वाहन चालकों को ईंधन समय और धन की बबार्दी का शिकार होना पड़ रहा है। हाईवे विभाग के उच्च अधिकारियों को खस्ताहाल हाईवे की मरम्मत करवाना चाहिए।
- विनोद चंदेल, सरपंच, ग्राम पंचायत, केलवाड़ा।
कोटा शिवपुरी नेशनल हाईवे 27 पर सड़कों गड्ढे पड़े हुए हैं तो टेंडर प्रक्रिया पूरी होते ही उनको जल्द दुरुस्त करवाया जाएगा। संकेत बोर्ड लगवाए जाएंगे। मैनेजमेंट डिपार्टमेंट को इस मामले में दिशा निर्देश दिए जाएंगे।
- राजेश गुप्ता, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एनएचएआई ग्वालियर।