राजस्थान

खेती में जुटे किसान, चक्रवाती तूफान की बारिश से फायदा

Shantanu Roy
26 Jun 2023 11:25 AM GMT
खेती में जुटे किसान, चक्रवाती तूफान की बारिश से फायदा
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करौली। करौली गुढ़ाचन्द्रजी पिछले दिनों चक्रवाती तूफान के कारण हुई बारिश के बाद किसानों ने बुआई का काम शुरू कर दिया है, लेकिन किसानों को बुआई का काम महंगा पड़ रहा है. किसानों ने बताया कि खरीफ फसल के अंतर्गत बाजरे की बुआई प्रमुखता से की जा रही है। अधिकांश किसान बाजरे की बुआई तो कर रहे हैं, लेकिन कृषि विभाग से उन्हें बाजरे का बीज नहीं मिल रहा है। अधिकारियों का कहना है कि बीज सामने से ही नहीं आ रहा है. ऐसे में उपलब्धता न होने से दिक्कत हो रही है। बाजार में ऊंचे दाम: किसानों ने बताया कि पिछले कई वर्षों से लगातार खरीफ फसलों के बीज में बढ़ोतरी हो रही है. पिछले साल बाजरे के बीज की एक बोरी 600 में मिलती थी, जो अब 700 में मिल रही है। किसानों ने बताया कि एक बीघे खेत में बाजरा बोने के लिए करीब 3 किलो बीज की आवश्यकता होती है. किसानों ने बताया कि जब से खरीफ फसलों में सफेद मक्खी का प्रकोप बढ़ा है. कीटनाशक खरीदना भी जरूरी हो गया है. बाजार में कीटनाशकों के भी मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं। बालाघाट. कृषि देश की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है। हर साल खेती का मौसम प्री-मानसून बारिश के साथ शुरू होता है।
पिछले दिनों हुई बारिश के बाद अब खरीफ फसलों की बुआई का काम शुरू हो गया है. किसान खेती-किसानी में जुटे नजर आ रहे हैं. खेतों में ट्रैक्टर से जुताई की जा रही है. कुछ किसानों ने बीज बोना भी शुरू कर दिया है. बाजरा, ऊवर, तिलहन आदि खरीफ की फसलें बोई जा रही हैं। जिन किसानों ने भीषण गर्मी में अपने खेतों की जुताई कर ली थी उन्हें इस समय काफी फायदा हो रहा है. उनके खेतों की मिट्टी उपजाऊ होने से वे सही समय पर बुआई कर सकेंगे। कृषि में भी आधुनिकता दिख रही है। ऐसे में किसान हाईब्रिड बीजों को ज्यादा पसंद कर रहे हैं. बीमारियों से बचाव समेत अन्य मामलों में हाइब्रिड बीज बेहतर माना जाता है। हाईब्रिड बीज टिड्डी और टिड्डा जैसे कीड़ों से बचाव में भी फायदेमंद है। इससे उत्पादन भी अधिक होता है। चारा भी अधिक निकलता है। किसान गुड्डु मीना, केदार मीना आदि ने बताया कि नांगलशेरपुर मोर्डा, धावन, मोहनपुरा, चोलीपुरा, रामपुरा आदि में बुआई का काम जोरों पर चल रहा है। चक्रवाती बारिश से मिला फायदा: किसानों ने बताया कि फिलहाल मानसूनी बारिश नहीं हो रही है, लेकिन पिछले दिनों हुई चक्रवाती बारिश से काफी फायदा मिला है. मिट्टी में बेहतर नमी के कारण बुआई सही समय पर हो रही है. वहीं अब मानसून भी आने वाला है. ऐसे में फसल को दोहरा फायदा होगा. सबसे ज्यादा होगी बाजरे की बुआई: जिले में खरीफ फसल के तहत सबसे ज्यादा बुआई बाजरे की होगी। हर वर्ष खरीफ की फसल में बाजरे का रकबा सर्वाधिक होता है। विभाग ने इस बार जिले में बाजरे की बुआई के लिए 1 लाख 39 हजार 150 हेक्टेयर का लक्ष्य रखा है. जो पिछले दो सालों से ज्यादा है.
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