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राजस्थान: जीरा नागौर के साथ अन्य किसानों के लिए इस वर्ष आय का का जरिया बन गया है. इस वर्ष नागौर जिले की कृषि उपज मंडी की बात करे तो यहां जीरा फलोदी, जैसलमेर से वहीं मेड़ता कृषि उपज मंडी में पाली, अजमेर सहित कई जिलों से बिकने यहां आया है. इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पिछले वित्तीय वर्ष के भांति इस बार जीरा किसानों के लिए एक वरदान साबित हुआ.
नागौर कृषि उपज मंडी की बात करे तो पिछले वितीय वर्ष किसानों के लिए एक साधारण वर्ष रहा. इसका मुख्य कारण था कि पिछली जीरे की फसल का उत्पादन अच्छा हुआ था. पिछले वित्तीय वर्ष की बात करे तो 74726 क्विंटल जीरा मंडी परिसर में आया. मंडी परिसर में 1.50 लाख बोरियां आई थी. पिछले वर्ष के पूरे जीरे की कीमत 16278 लाख रुपये थी. वहीं जीरे का प्रति क्विंटल औसत भाव 22 हजार रुपये रहा.
वितीय वर्ष 2023-24 के आंकड़े
इस बार नागौर मंडी परिसर में 65003 क्विंटल जीरा आया है. कुल मिलाकर मंडी में 1.30 लाख बोरिया आई है. जिसकी कुल कीमत 25026 लाख रुपये कीमत है. वहीं अभी तक कुल औसत की बात करे तो जीरा 38500 रुपये रहा है. इस प्रकार से यह वर्ष किसानों के लिए फायदेमंद रहा है.
बारिश के कारण जीरे की फसल खराब
नागौर मंडी सचिव रघुनाथ सिंवर बताते है कि इस वर्ष पिछले वर्ष के मुकाबले किसानों के भाव अच्छा मिला है. इस वर्ष बारिश के कारण जीरे की फसल खराब हो गई थी और जीरे की पैदावार कम, बाजार में बढ़ती मांग, अरब देशों मे नागौर जीरे की मांग यह तीन चार विशेष कारण रहे. जिसके कारण इस वर्ष किसानों को भावों मे फायदा मिला. पिछले वर्ष के मुकाबले भावों में अंतर देखने को मिल रहा है. पिछले वर्ष औसत भाव 22000 थे तो इस वर्ष 38500 है तो किसानों को इस वर्ष 16500 रुपये औसत भाव में अधिक मिल रहे है. कुल जीरे की आय पिछले वर्ष 16278 लाख रुपये थी और इस वर्ष 25026 लाख रुपये है .दोनो वर्षो के कुल जीरे की बिक्री में 8,748 लाख रुपये का अंतर है. आने वाले समय में जीरे के भावों में गिरावट देखने को मिलेगी. इस वर्ष जीरा किसानों के चेहरे पर मुस्कान लेकर आया है.
Manish Sahu
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