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जोधपुर। उपचार के दौरान विवाहिता की मौत के बाद जोधपुर शहर के मथुरादास माथुर अस्पताल के शवगृह के बाहर पीहर पक्ष के लोग ससुराल पक्ष पर कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। विरोध कर रहे परिजनों का कहना है कि विवाहिता को शादी के बाद से दहेज के लिए प्रताड़ित किया जा रहा था। परिजनों का आरोप है कि उसे आए दिन प्रताड़ित किया जाता था। ससुराल वालों ने 19 नवंबर की रात मीनाक्षी को कीटनाशक पिला दिया। इससे उसकी मौत हो गई। मामले में परिजन व समाज के लोगों ने सास व ससुर की गिरफ्तारी तक शव उठाने से इनकार कर दिया है। महिला थाना ग्रामीण पुलिस फिलहाल परिजनों से बातचीत कर रही है।
मृतका मीनाक्षी के पिता हरिश्चंद्र सांखी ने बताया कि उनकी बेटी की शादी हरीश के साथ 11 दिसंबर 2009 को हुई थी। दहेज में नगदी, जेवरात व घरेलू सामान यथास्थिति के अनुसार दिया गया था। पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया गया कि शादी के कुछ समय बाद ही पति हरीश, सास संतोष व ससुर भीखाराम मीनाक्षी को प्रताड़ित करने लगे। पीर पक्ष से कम दहेज लाने को लेकर वे उसे ताना मारते रहे। इस दौरान मीनाक्षी को कई बार शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया और मारपीट भी की गई। पिता का आरोप है कि 19 नवंबर 2022 की रात मीनाक्षी को उसके ससुराल वालों ने जान से मारने की नियत से जहर दे दिया।
इसके बाद उन्होंने उसे बचाने का नाटक किया और पहले पीपड़ अस्पताल और वहां से एमडीएम अस्पताल रेफर किए जाने के बाद भी बनाड़ रोड स्थित निजी अस्पताल ले गए। वहां उसकी तबीयत बिगड़ी तो अस्पताल रेफर करने के बावजूद एमडीएम उसे घर ले गया। 20 नवंबर की सुबह जब पीर पक्ष को इसकी जानकारी मिली तो वह अपने रिश्तेदारों के साथ मीनाक्षी की ससुराल पहुंचा और किसी तरह उसे उठाकर एमडीएम अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया। जहां 18 दिनों तक जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष के बाद 7 दिसंबर की दोपहर उसकी मौत हो गई। घटना को लेकर 23 नवंबर को मीनाक्षी के पिता ने जोधपुर ग्रामीण महिला थाने में मामला दर्ज कराया था, जिसमें पुलिस ने 498ए, 406 व 328 के तहत मामला दर्ज किया था।
Admin4
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