शुरू में नाकाम रहा, बाद में पता चला कामयाबी इसी से मिलती है: अभिनव बिंद्रा
जयपुर: एक खिलाड़ी और डॉक्टर का करियर लगभग एक सी शुरुआत वाला होता है। दोनों के ही कॅरियर में फोकस का होना बहुत जरूरी है। खिलाड़ी हो, डॉक्टर हो या चाहे जो भी फील्ड हो। इंसान की जिंदगी में फेलियर जरूर आता है। मेरे जीवन और कॅरियर में भी फेलियर रहा है। लेकिन मैंने अपने फेलियर से ही सफलता प्राप्त की है। इसलिए फेलियर से घबराना नहीं चाहिए, बल्कि आगे बढ़ना चाहिए। ये बात गुरुवार को एसएमएस मेडिकल कॉलेज की प्लेटिनम जुबली सेलिब्रेशन के ओरेशन में ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव बिंद्रा ने उपस्थित चिकित्सकों और मेडिकल स्टूडेंट्स से कही। उन्होंने कहा कि मैं अपने फेलियर से सीख कर ही ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीत पाया। ओरेशन में मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राजीव बगरहट्टा, डॉ. अशोक गुप्ता, डॉ. मोहनीश ग्रोवर सहित अन्य चिकित्सक मौजूद रहे।
डिस्टर्बिंग खबर, पूरी घटना की हो जांच : ओरेशन से पहले मीडिया से हुई बातचीत में भारतीय कुश्ती संघ में महिला पहलवानों से यौन शोषण के मुद्दे पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में बिंद्रा ने कहा कि यह वाकई में चिंता का विषय है। कल मुझे भी ये काफी डिस्टर्बिंग खबर सुनने को मिली थी। इस पर जरूर जांच होनी चाहिए। हमारे खिलाड़ी सुरक्षित वातावरण में खेल सकें इसकी पूरी कोशिश होनी चाहिए।