राजस्थान

महिलाओं के किराए से अधिक वार्डन व गार्ड पर खर्चा

Admin Delhi 1
7 Feb 2023 3:01 PM GMT
महिलाओं के किराए से अधिक वार्डन व गार्ड पर खर्चा
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कोटा: आमदनी अठन्नी, खर्चा रूपय्या। यह कहावत नगर निगम के कार्यकारी महिला छात्रावास पर सही साबित हो रही है। इस छात्रावास में में रहने वाली महिलाओं के किराए से जितनी आय हो रही है उससे अधिक खर्चा तो इसमें वार्डन और होमगार्ड पर हो रहा है। निगम के इस हॉस्टल से आय बढ़ाने के लिए अब इसे कोचिंग छात्राओं को किराए पर देनी की योजना बनाई जा रही है। नगर निगम कार्यालय के सामने प्रताप नगर दादाबाड़ी में है नगर निगम का कार्यकारी महिला छात्रावास। यह छात्रावास शहर में आकर काम करने वाली एकल महिलाओं के रहने के लिए नगर निगम द्वारा बनाया गया है। महिलाओं को रहने की जगह के साथ ही सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इसे बनाया गया। यहां शुरुआत में काफी संख्या में महिलाएं रहती भी थी। हालांकि इसमें रहने वाली महिलाओं के किराए से निगम को बहुत कम आय हो रही है।

20 कमरे, 13 महिलाएं

जानकारी के अनुसार महिला छात्रावास का निर्माण वर्ष 1985 से 90 के बीच हुआ था। इसमें करीब 20 कमरे बने हुए हैं। वर्तमान में यहां करीब 13 महिलाएं किराए से रह रही हैं। ये सभी शहर में विभिन्न सरकारी व निजी कार्यालयों में काम करने वाली हैं। यहां रहने वाली महिलाओ को उनके संस्थान में कार्य करने का प्रमाण पत्र पेश करने पर किराए से रखने का प्रावधान है।

बरसों से नहीं हुई मरम्मत

जानकारों के अनुसाव छात्रावास के बनने के बाद से शायद ही इसकी मरम्मत हुई होगी। बरसों से मरम्मत नहीं होने से यह अंदर से तो काफी जर्जर हो रहा है। इसकी हालत दिनों दिन दयनीय होती जा रही है। पेड़ पौधे व झाडं झंकार तक काफी समय से नहीं कटने से बड़े-बड़े हो गए हैं। जिससे बरसात के समय में जहरीले कीड़े काटों का डर बना हुआ है।

950 रुपए महीना किराया

नगर निगम से प्राप्त जानकारी के अनुसार यहां रहने वाली महिलाओं से निगम द्वारा 950 रुपए मासिक किराया लिया जा रहा है। वर्तमान में यहां 13 महिलाएं रह रही हैं। जिनसे निगम को हर महीने करीब साढ़े 11 हजार रुपए किराया प्राप्त हो रहा है। सूत्रों के अनुसार जबकि इससे अधिक खर्चा निगम को इसके रखरखाव व वार्डन और होमगार्ड पर करना पड़ रहा है। यहां कुशल श्रमिक दो महिला कर्मचारी और दो होमगार्ड लगाए गए हैं। जिनके वेतन पर निगम को हर महीने करीब 20 हजार रुपए से अधिक खर्चा करना पड़ रहा है। वहीं बिजली पानी और अन्य खर्चा अधिक है। ऐसे में निगम को इस छात्रावास से आय तो कम हो रही है जबकि खर्चा अधिक करना पड़ रहा है।

बजट बोर्ड बैठक में उठा था छात्रावास का मामला

नगर निगम कोटा दक्षिण की दो दिन पहले हई बजट बोर्ड बैठक में निगम के इस महिला छात्रावास का मुद्दा भी उठा था। जिसमें नेता प्रतिपक्ष विवेक राजवंशी ने कहा था कि महिला छात्रावास सीएडी चौराहा जैसी प्राइम लोकेशन में है। यह पुराना हो गया है। यहां किराए पर भी बहुत कम महिलाएं रह रही हैं। इसका किराया भी बहुत कम है। उन्होंने सुझाव दिया कि इस छत्रावास का सौन्दर्यीकरण करवाकर इसे नया लुक दिया जा सकता है। जिसमें कोचिंग की छात्राओं को किराए पर दिया जाए तो इससे निगम की आय भी बढ़ेगी।

महापौर ने कार्यवाहक आयुक्त को दिए निर्देश

बोर्ड बैठक में ही महापौर राजीव अग्रवाल ने कार्यवाहक आयुक्त अम्बालाल मीणा को निर्दश दिए कि संबंधित जेईएन को मौके पर भेजकर उसकी स्थिति का पता लगवाएं। महापौर ने बताया कि बोर्ड बैठक में इस छात्रावास से आय बढ़ाने का सुझाव आया है। उस पर विचार किया जा रहा है। छात्रावास की स्थिति व अधिकारियों से चर्चा के बाद इस बारे में निर्णय किया जा सकेगा।

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