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टोंक। टोंक तीन जिलों की लाइफ लाइन बीसलपुर बांध का जलस्तर इस बरसाती सीजन में भी बढ़ने के बजाय घट रहा है। यह सिलसिला 20 दिन से चल रहा है। बांध का जलस्तर एक सेंटीमीटर घट रहा है। ऐसे में इस बांध के पुल भरने की संभावना भी काफी कम लग रही है क्योंकि अब तक इस बांध का रिकॉर्ड रहा है कि यह बांध अगस्त महीने में ही छलका है। 19 साल में यह बांध 6 बार अगस्त महीने में ही पूरा भरा है। संभाग का सबसे बड़ा बांध और टोंक सहित जयपुर, अजमेर जिलों की लाइफ लाइन बीसलपुर बांध जल स्तर 315.50 आरएल मीटर है। इसकी कुल पानी की भराव क्षमता 38.708 टीएमसी है। बांध के भरने का इतिहास उठाकर देखे तो अब तक यह बांध जब (2004) से भरना शुरू किया था, तब से अब तक अगस्त महीने में 6 बार छलका है। ऐसे में इस साल भी अगस्त महीने में नहीं भरने के बाद अब अन्य महीने में इस बांध के भरने का रिकॉर्ड बना रहने की संभावना अधिक है। क्योंकि अभी यह बांध डेढ़ मीटर से ज्यादा खाली है। बारिश का दौर थमा हुआ है, अब लौटते मानसून के दौर में इसका भरना मुश्किल है। इन सारी विपरीत परिस्थितियों के बाद यह बांध छलकता है तो अब तक अगस्त महीने में ही इस बांध के भरने का रिकॉर्ड भी टूट जाएगा।
इस बांध का निर्माण होने के बाद इसमें पहली बार 2004 में पानी रोका गया था और पहली बार ही पूरा भरकर छलक गया था। उसके बाद 2006, 2014, 2016, 2019 और 2022 में यह पूरा भरकर छलका था। पानी अधिक आने पर इसके गेट खोलने थे। बांध के 6 बार भरने में सबसे दिलचस्प बात यह है कि यह बांध हमेशा अगस्त महीने में ही छलका है। उस सीजन में खाली ही रहा है। अब इस साल में ऐसे ही हालत बनते नजर आ रही है। ऐसा होता है तो इस साल भी अगस्त महीने में ही भरने का रिकॉर्ड रहेगा। अभी बांध का जलस्तर 313.83 आरएल मीटर है, जबकि 22 अगस्त को इसका जलस्तर 313.96 आरएल मीटर था, जबकि 15 अगस्त को 314 आरएल मीटर था। 15 अगस्त से 22 अगस्त तक एक सप्ताह में बांध का जलस्तर घटने का सिलसिला धीमा रहा। इसमें 4 सेंटीमीटर पानी कम हुआ। एवरेज दो दिन में एक सेंटीमीटर पानी कम हुआ, जबकि 23 अगस्त से पानी कम होने की रफ्तार ज्यादा हो गई। हर दिन एक सेंटीमीटर पानी कम हो रहा है। 23 अगस्त को 313.95 आरएल मीटर रह गया। जो अब 313.83 आरएल मीटर है। 13 दिन में 12 सेंटीमीटर पानी कम हो गया।
इस बांध का मुख्य उद्देश्य जलापूर्ति के साथ-साथ रबी फसल की सिंचाई करना है। इसका पानी जिले के लिए नहीं बल्कि जयपुर और अजमेर में भी जलापूर्ति के पानी जाता है। बीसलपुर बांध प्रोजेक्ट के एक्सईएन मनीष बंसल ने बताया कि टोंक जिले में सिंचाई के लिए 8 टीएमसी पानी, पेयजल के लिए 16.2 टीएमसी पानी आरक्षित है। इसके अलावा 8.15 टीएमसी वाष्पीकरण और अन्य खर्च माना गया है। टोंक, अजमेर, जयपुर जिलों में पेयजल के लिए हर दिन करीब साढ़े नौ सौ से एक हजार एमएलडी पानी इस बांध से जाता है। इससे तीनों जिलों के करीब दो हजार शहर, गांवों की करीब एक करोड़ से अधिक आबादी को पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है।
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