![व्हील चेयर भी नहीं तोड़ पाई इच्छाशक्ति व्हील चेयर भी नहीं तोड़ पाई इच्छाशक्ति](https://jantaserishta.com/h-upload/2023/06/26/3077379-b393000fedd74af71b0b24eb114c87f3.webp)
भरतपुर न्यूज़: ये हैं भरतपुर के डॉ. जगवीर सिंह। 58 साल के हैं। नवंबर 2021 को पुणे में हुई 200 किमी की एक साइकिल रेस में खंभे से टकरा गए थे। सिर में चोट आई। दोनों फेफड़े डैमेज हो गए। रीढ़ में मल्टीपल फ्रैक्चर आए। इससे कमर से नीचे का हिस्सा पैरेलाइज हो गया। भारत और अमेरिका में तीन महीने तक इलाज चला, लेकिन रिकवरी नहीं हो पाई।
अब व्हील चेयर ही सहारा है। लेकिन, इस निराशा को ऑर्थोपेडिक सर्जन ने अपनी जीवटता से उत्साह में बदल दिया। मार्च 2022 से ओपीडी में मरीज देखने शुरू किए। जून में ऑपरेशन करने लगे। व्हील चेयर पर बैठे-बैठे 100 से ज्यादा ऑपरेशन कर चुके हैं। इसके लिए उन्होंने विशेष व्हील चेयर मंगाई, जिसे ऑपरेशन के दौरान जरूरत के हिसाब से 5 फीट ऊंचा किया जा सकता है। उनका सपना अगले साल तक फिर साइकिलिंग करना है। कहते हैं कि लोग मुझे देखकर सोचते हैं कि इलाज कैसे करेगा, पर व्हील चेयर से ज्यादा मजबूत विल पावर होती है।