राजस्थान

लाखों रुपए खर्च फिर भी श्वानों की समस्या से नहीं मिल रहा शहर वासियों को स्थायी समाधान

Admin Delhi 1
23 Dec 2022 2:32 PM GMT
लाखों रुपए खर्च फिर भी श्वानों की समस्या से नहीं मिल रहा शहर वासियों को स्थायी समाधान
x

कोटा न्यूज़: शहर में श्वानों के काटने की समस्या दिनों दिन विकराल रूप लेती जा रही है। लगतार हो रहे मामलों से शहरवासियों में श्वानों का डर बना हुआ है। नगर निगम द्वारा श्वानों को पकड़ने व उनके वैक्सीनेशन पर लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी शहर वासियों को इससे राहत नहीं मिल रही है। हालांकि लोगों का कहना है कि शहर से दूर बाड़े में रखकर ही इनसे निजात मिल सकती है। शहर के हर क्षेत्र में गली मोहल्ले से लेकर मेन रोड तक जिस तरह से मवेशियों के झुंड देखे जा सकते हैं। उसी तरह से अब श्वानों के झुंड भी नजर आने लगे हैं। मवेशियों में सबसे अधिक सांडों से लोगों को खतरा रहता है। लेकिन दूसरी तरफ श्वान तो सभी खतरनाक हैं। राह चलते वाहन चालक हो या घर के बाहर खेलते बच्चे श्वान किसी को भी नहीं छोड़ रहे हैं। महिलाएं हो या बुजुर्ग सभी श्वानों के हमले व काटने के शिकार हो रहे हैं। पिछले दिनों लगातार हुई श्वानों के काटने की घटनाओं से अब लोग इनसे अधिक डरने लगे हैं। सड़क पर झुंड में श्वान देखते ही लोग उनसे बचने के लिए दूर भागने का प्रयास करने लगे हैं। हालत यह है कि श्वानों को देखकर भागना भी खतरे से कम नहीं है। भागते लोगों पर श्वान अधिक हमला कर रहे हैं। दिन की तुलना में रात के सन्नाटे में सड़क से दो पहिया वाहन चालक का श्वानों से बचकर सुरक्षित निकल पाना किसी चुनौती से कम नहीं है। नगर निगम द्वारा श्वानों को पकड़कर उनका बधियाकरण व वैक्सीनेशन तो किया जा रहा है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन की पालना में श्वानों को वापस उसी स्थान पर छोड़ा जा रहा है। जिससे शहर में श्वानों की न तो संख्या कम नजर आ रही है और न ही इनके काटने से लोगों को राहत मिल पा रही है।

प्रति श्वान करीब 600 रुपए खर्च

नगर निगम कोटा उत्तर व कोटा दक्षिण ने श्वान शाला में श्वानों को पकड़कर बधियाकरण व वैक्सीनेशन करने का ठेका पुणे की एनिमल वेलफेयर सोसायटी को दिया है। निगम द्वारा संवेदक फर्म को प्रति श्वान करीब 600 रुपए का भुगतान किया जा रहा है। जिसमें श्वान को पकड़ने से लेकर बधियाकरण व वैक्सीनेशन करना और वापस उसी स्थान पर छोड़ने का काम है। निगम सूत्रों के अनुसार अभी तक फर्म द्वारा करीब 3 हजार श्वानों का बधियाकरण किया जा चुका है। इस हिसाब से करीब 18 से 20 लाख रुपए निगम अभी तक इन पर खर्च कर चुका है। जबकि शहर में करीब 8 से 10 हजार श्वान बताए जा रहे हैं।

श्वान शाला बनाने पर किए लाखों खर्च

शहर में श्वानों की समस्या गम्भीर होने पर नगर निगम बोर्ड की बैठकं व आमजन की भावना को ध्यान में रखते हुए नगर निगम कोटा दक्षिण ने बंधा धर्मपुरा में श्वान शाला का निर्माण कराया। इसके निर्माण पर करीब 60 लाख रुपए खर्च किए गए। वहीं अब उसके पास ही नगर निगम कोटा उत्तर द्वारा भी 75 लाख रुपए से अधिक की राशि खर्च कर नई श्वानशाला बनाई जा रही है। कोटा दक्षिण में 33 कैनल वालीे श्वान शाला है जबकि कोटा उत्तर में 125 कैनल वाली बनाई जा रही है।

लोगों की पीड़ा

श्वानों को पकड़कर जब तक शहर से दूर जंगल में नहीं छोड़ा जाएगा तब तक इनकी समस्या से निजात नहीं मिल पाएग़ी। बधियाकरण करके वापस शहर में ही छोड़ने से इनकी संख्या तो कम ही नहीं हो पा रही है। बधियाकरण करने के बाद श्वान अधिक खूंखार हो रहे हैं।

-राजेश धाकड़, दादाबाड़ी

घर से बाहर निकलते ही सड़क पर श्वान नजर आने से डर लगने लगा है। श्वानों को भगाने पर वे और काटने दौड़ते हैं। सड़कों पर घूमने वाले आवारा श्वानों को जब तक शहर से बाहर नहीं किया जाएगा तब तक उनकी समस्या का समाधान नहीं हो सकता।

-स्वाती शर्मा, महावीर नगर

बजरंग नगर पुलिस लाइन साइड में हर गली में श्वानों की समस्या काफी गम्भीर है। बच्चों का घर के बाहर खेलना तक मुश्किल हो रहा है। नगर निगम व प्रशासन श्वानों की समस्या का समाधान ही नहीं कर रहा। जब गायों को पकड़कर गौशाला में बंद कियाजा सकता है तो श्वानों को भी इसी तरह से बाड़ा बनाकर उसमें रखा जाए।

-रिचा सोलंकी, बजरंग नगर

नगर निगम ने श्वानशाला बना दी। अब तक करीब 3 हजार श्वानों के बधियाकण व वैक्सीनेशन किया जा चुका है। इससे श्वानों की संख्या में कमी आएगी। सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों की पालना की जा रही है। अब उन दिशा निर्देश में संशोधन करवाने के लिए लोकसभा अध्यक्ष को पत्र भी लिख दिया है। निगम को अधिकार मिले तो बाड़ा बनाकर उनके रखने व खाने की व्यवस्था भीे करने को तैयार है।

-राजीव अग्रवाल, महापौर, नगर निगम कोटा दक्षिण

श्वानों की समस्या शहर में काफी गम्भीर हो रही है। हर वार्ड में श्वानों के झुंड देखे जा सकते हैंÞ। इनकी संख्या में कमी लाने के लिए मादा श्वानों की नसबंदी की जाए। साथ ही इस काम में गति लाने व संख्या बढ़ाने की जरूरत है। स्थायी समाधान तो शहर से दूर बाड़े में रखना ही है।

-विवेक राजवंशी, नेता प्रतिपक्ष, नगर निगम कोटा दक्षिण

श्वानों की समस्या को देखते हुए नेता प्रतिपक्ष ने ज्ञापन दिया था। महापौर ने भी पत्र लिखे हैं। सर्वोच्च न्यायालय की गाइड लाइन की पालना की जा रही है। अब वार्ड वार खूंखार श्वानों को चिन्हित कर उन्हें पकड़कर बधियाकरण प्राथमिकता से किया जाएगा। सर्वोच्च न्यायालय की गाइड लाइन में संशोधन होकर निगम को अधिक अधिकार मिले तो कार्रवाई करने को तैयार है।

-राजपाल सिंह, आयुक्त, नगर निगम कोटा दक्षिण

Next Story