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चिंतन शिविर से पहले सरेंडर के कई मायने
जनता से रिश्ता वेबडेस्क : धौलपुर में बिजली विभाग के सहायक इंजीनियर के साथ मारपीट के आरोप में घिरे विधायक गिरिराज मलिंगा ने जयपुर में बुधवार को आत्मसमर्पण कर दिया। इससे पहले उन्होंने सीएम अशोक गहलोत से भी मुलाकात की थी। बताया जा रहा है कि यहां से राहत नहीं मिलने के बाद उन्होंने जयपुर पुलिस कमिश्नर के सामने पेश होकर सरेंडर कर दिया।अब यहां से पुलिस विधायक मलिंगा को धौलपुर लेकर जाएगी। सूत्रों का कहना है कि अगर मलिंगा ने को पुलिस कस्टडी में भेजा जाता है तो पार्टी को उन्हें निष्कासित भी कर सकती है। बता दें कि धौलपुर जिले के बाड़ी उप खंड के विद्युत निगम कार्यालय में 28 मार्च को असिस्टेंट इंजीनियर और जूनियर इंजीनियर के साथ मारपीट की गई थी। इस मामले में विधायक मलिंगा पर भी मारपीट करने के आरोप लगे थे।
इधर, मामले को लेकर मलिंगा ने कहा, मैं आज मुख्यमंत्री गहलोत से मिला तो पता चला कि मेरे खिलाफ अखबार बाजी हो रही है। उनके कहने पर ही सरेंडर किया है। उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ साजिश के तहत गलत एफआईआर हुई है। इंजीनियर के पहले बयान में मेरा नाम नहीं था, पर साजिश के तहत मुकदमा किया गया। मैं बेकसूर हूं।
चिंतन शिविर से पहले सरेंडर के कई मायने
प्रदेश के उदयपुर में कांग्रेस का चिंतन शिवर 13 मई से शुरू हो रहा है। शिवर से दो दिन पहले विधायक के आत्मसमर्पण करने के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। बताया रहा है कि शिविर में किसी तरह का विवाद और विरोध के हालात न बने इससे बचने के लिए मलिंगा का आत्मसमर्पण कराया गया है। उधर, भाजपा भी इस मुद्दे पर विरोध करने की तैयारी में थी। इससे बचने के लिए ऐसा किया गया है।
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