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अजमेर। अजमेर नगर निगम द्वारा लाखों रुपयों की लागत से शहर भर में कचरा पात्र लगाने के बावजूद उनकी उपयोगिता नजर नहीं आ रही। डस्टबिन लगे होने के बावजूद सड़कों पर कचरा फैल रहा है। कचरा पात्र की सफाई नहीं होने से संबंधित क्षेत्रों में गंदगी बरकरार है और बदबू बनी रहती है। कुछ स्थानों से कचरा पात्र चोरी होने के साथ ही कई जगहों पर क्षतिग्रस्त हैं। जिनमें आवारा मवेशी दिनभर मुंह मारते रहते हैं।
नगर-निगम के स्तर पर देख-रेख के अभाव में डस्टबिन क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। सफाई भी नहीं होती। कचरा संग्रहण करने वाली कम्पनी कई बार इनको खाली नहीं करती। जेएलएन अस्पताल में लगाए गए कचरा पात्र हमेशा भरे पड़े रहते हैं। इनमें से नियमित अंतराल में कचरा नहीं निकाला जाता। शहर में लगाए गए कचरा पात्र का ज्यादा उपयोग नहीं हो रहा। रीजनल कॉलेज चौपाटी, आगरा गेट, जवाहरलाल नेहरू अस्पताल, स्टेशन रोड, श्रीनगर रोड, केसरगंज सहित अन्य जगह कचरा पात्र लगे होने के बावजूद सड़कों पर कचरा फैल रहा है। कई जगहों पर केवल आयरन फ्रेम ही खड़े हैं।
शहर की स्वच्छता के लिए नगर निगम ने प्रमुख मार्गों, भीड़ भरे इलाकों और बाजारों में करीब 1 हजार से ज्यादा प्लास्टिक के कचरा पात्र लगाए हैं। इनके लिए लोहे के स्टैंड सहित अन्य स्ट्रक्चर पर करीब 50 लाख रुपए से ज्यादा राशि खर्च की है। रीजनल-कॉलेज चौपाटी पर लगाए गए कचरा पात्र का समुचित उपयोग भी नहीं होता। अधिकारी मानते हैं कि इसके लिए लोगों में जागरुकता की जरूरत है। कई बार जलती सिगरेट, बीड़ी अथवा ज्वलनशील पदार्थ इनमें डाल देने से कचरा पात्र खराब हो चुके हैं।
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