राजस्थान

कई जनरेटर उपयोग नहीं करने से हो रहे खराब, अंधेरे में डूब जाता है पूरा अस्पताल

Admin Delhi 1
17 May 2023 2:45 PM GMT
कई जनरेटर उपयोग नहीं करने से हो रहे खराब, अंधेरे में डूब जाता है पूरा अस्पताल
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कोटा: संभाग के सबसे बड़े अस्पताल एमबीएस के हालात सुधरने का नाम ही नहीं ले रहे है। आए दिन समस्याओं के चलते सुर्खियों में रहने वाले एमबीएस अस्पताल में बिजली गुल होते ही पूरा अस्पताल अंधेरे में डूब जाता है। कहने को अस्पताल में हर वार्ड के हिसाब से करीब सात से आठ जनरेटर और आॅपरेशन थिएटर में इन्वर्टर लगे हैं लेकिन बेट्रियों को बैकअप नहीं होने से ये किसी काम के नहीं है। सोमवार को भी आधे शहर में जीएसएस में फॉल्ट आने से बिजली बंद हुई तो एमबीएस में अंधेरा हो गया। जिम्मेदारों ने जनरेटर चलाने की जहमत तक नहीं उठाई जिससे मरीज करीब आधे घंटे से ज्यादा तक अंधेरे में परेशान होते रहे। एमबीएस अस्पताल में बिजली गुल होते ही तुरंत जनरेटर नहीं चलाया जाता है। आधे घंटे से एक घंटे तक इंतजार के बाद जनरेटर आॅपरेटर इसको चलाते हैं तब तक मरीज परेशान होते रहते हैं।

पिछले साल 15 लाख खर्च कर लोड ठीक किया, नहीं सुधरे हालात

पिछले साल एमबीएस की पुरानी हो चुकी बिजली लाइनों व फिटिंग से आए दिन फॉल्ट आने से बिजली बंद होने की समस्या आ रही थी जिससे घंटो अस्पताल में अंधरे में रहता था। वार्डो में लोड बढ़ने से आए दिन होने वाले शॉर्ट सर्किट से निजात पाने लिए पिछले साल 15 लाख रुपए पीडल्यूडी को देकर पूरी बिजली लोड चेक कराया और वायरिंग आदि बदले और लोड को बांटा गया उसके बावजूद बिजली गुल की समस्या से निजात नहीं मिल सकी।

इस माह दो बार गुल हो चुकी बिजली, फिर भी नहीं चलाया जनरेटर

एमबीएस अस्पताल में मई माह में दो बार बिजली जाने की घटनाएं सामाने आने के बावजूद हालात नहीं सुधरे। जेकेलोन और एमबीएस अस्पताल में वार्ड की लोड के हिसाब से जनरेटर लगा रखे है। आईसीयू, गंभीर बीमारियों भर्ती मरीजों के वार्ड में तो इन्वेटर से लाइट चालू हो जाती है लेकिन इमरजेंसी सेवाओं व अस्पताल के अन्य हिस्सों में जनरेटर चालू नहीं करने से मरीज और तीमारदार टार्च व मोबाइल की रोशनी में मरीजों की तीमारदारी करते है। नर्सिंग स्टॉफ भी बिजली जाने पर मोबाइल से ड्रीप चढ़ाने और ड्रेसिंग करने का काम करते है।

पिछले साल 24 अप्रैल को 3 घंटे रही थी बिजली गुल, एक मरीज की गई थी जान

पिछले साल कोटा के अस्पताल में लगातार केबल फॉल्ट होने से बिजली जाने की घटना सबसे ज्यादा हुई। इस साल फॉल्ट की समस्या से निजात तो मिल गई लेकिन बिजली गुल होने की समस्या जस की तस बनी है। पिछले साल मार्च में कई बार बिजली गुल हुई वहीं 24 अप्रैल को न्यू मेडिकल कॉलेज में केबल फाल्ट होने से इमरजेंसी वार्ड में 3 घंटे तक बिजली गुल रही थी। उस दौरान एक महिला मरीज की मौत हुई थी और परिजनों ने हॉस्पिटल प्रशासन के खिलाफ लापरवाही के आरोप लगाए थे। मामले को लेकर बवाल भी हुआ। मेडिकल प्रशासन ने बिजली आॅडिट कराने की बात भी कहीं थी। उसके एक माह बाद अस्पतालों में बिजली आॅडिट हुआ नई केबल तो डाली लेकिन जनरेटर व्यवस्था सुधारना भूल गए। जिससे एमबीएस अस्पताल में हालात जस के तस बने हुए है।

इनका कहना

अस्पताल में पर्याप्त जनरेटर लगे हुए करीब सात से आठ जनरेटर है। वार्ड के हिसाब से जनरेटर लगे हुए हैं। बिजली बंद होने पर जनरेटर क्यों नहीं चालू किए जाते इसकी जांच कर संबंधित पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। बुधवार को सभी जनरेटर की ठेकेदार से जांच कराई जाएगी।

-डॉ. दिनेश वर्मा, अधीक्षक एमबीएस अस्पताल कोटा

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