विज्ञान व कृषि संकाय नहीं होने से कला विषय लेना बना होनहार बालकों की मजबूरी
हरनावदाशाहजी। हरनावदाशाहजी में विज्ञान संकाय और कृषि संकाय नहीं खुलने से होनहार बालक अपने मन में सपने सजाकर रह जाते हैं। क्षेत्र के हजारों बालक बालिकाओं को मजबूरी में कला संकाय लेना पड़ रहा है। छीपाबडौद उपखंड का सबसे बड़ा कस्बा होने के बावजूद भी यहां के बालक बालिकाओं को अपनी इच्छा अनुसार शिक्षा नहीं मिल पा रही है। हरनावदाशाहजी 1919 में प्राथमिक शिक्षा से स्थापित विद्यालय 2022 तक भी भौतिक सुविधाओं से समपन्न नहीं हुआ। यहां कई विषयों के रिक्त पदों के कारण पढ़ाई भी बाधित हो रही है। हरनावदा शाहजी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में बालक-बालिकाओ का नामांकन तो एक हजार पार होने को है।
लेकिन यहां अध्ययनरत बालक बालिकाओं को अध्यापन करवाने के लिए दर्जनों विषयाध्यापकों के पद रिक्त पढ़ें हैं। कई बार विभिन्न आयोजनों पर स्कूल की समस्याओं को लेकर विद्यालय की बैठकों में अभिभावकों का दर्द देखने में आता है। क्षैत्र के जनप्रतिनिधि अपनी बात को सरकार तक पहुंचाने का वादा भी करते हैं लेकिन समस्याएं जस की तस बनी हुई है। 2 वर्ष से कोरोना से विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हुई थी अब विधालय पूरी क्षमता से खुल रहे हैं लेकिन विषयाअध्यापकों की कमी का खामियाजा बालक-बालिकाओ को आज तक भी भुगतना पड़ रहा है।