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जयपुर। राजधानी में करोड़ों रुपए खर्च कर शहर को निखारने के लिए बनाई गई द्रव्यवती नदी न सिर्फ इंसानों बल्कि जानवरों के लिए भी मुसीबत बन गई है। पेट भरने की जुगत में हरियाली देख नदी में उतर रहे जानवर नदी में फंस रहे हैं। यह नहीं गोवंश के भी ये हालात है जो भी पेट भरने के लिए द्रव्यवती नदी में उगे हरे पौधों को देखकर उन्हें चरने के लिए पहुंच रही है, लेकिन नदी में गंदगी और पानी के ठहरे रहने के कारण वहां मौजूद दलदल में जाकर फंस रही है, वहीं यह नदी इंसानों के लिए भी मुसीबत बनी हुई है। बदबू के कारण इंसानों का यहां से निकलना मुश्किल है तो जेडीए के लिए भी यह मुसीबत बनी हुई है।
पिछली सरकार ने अमानीशाह नाले को सुंदर द्रव्यवती नदी में तब्दील करने की बड़ी योजना बनाई थी। बीजेपी सरकार के वक्त गुजरात के साबरमती रिवर-फ्रंट की तर्ज पर इसे भी पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने का खाका खींचा गया था और इस प्रोजेक्ट पर करीब 1800 करोड़ खर्च किए गए। इतना पैसा खर्च होने के बावजूद यह नदी फिर नाले में तब्दील होने लगी है।
47 किलोमीटर लंबी इसमें 300 से ज्यादा छोटे-बड़े नाले आकर मिलते हैं। उनके पानी को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से साफ करने के बाद नदी में फिर से डाला जाता है। इस तरह के 5 एसटीपी लगाए गए हैं, लेकिन जेडीए के इस प्रोजेक्ट को बनाने और मेंटेन करने वाली कंपनी टाटा प्रोजेक्ट्स ने अब इन्हें बंद कर दिया है।
सरकार ने करोड़ों खर्च करके द्रव्यवती नदी को जयपुर की शान बनाने का ख्वाब शायद अधूरा ही रहेगा? शनिवार दोपहर लगभग एक बजे करीब महारानी फार्म के पास से गुजरने वाली द्रव्यवती नदी में सफाई का काम नजर नहीं आया। 'सच बेधड़क' अखबार के फोटो जर्नलिस्ट राजेश कुमावत ने द्रव्यवती नदी में जमे गंदगी और कीचड़ को अपने कैमरे में कैद करने के लिए कैमरे को जूम किया तो कचरे के पास ही एक गाय दलदल में फंसी नजर आई।
द्रव्यवती रिवर फ्रंट की वॉक-वे के ऊपर जाने के बाद तीन युवक नजर आए। इनमें से एक युवक ने चौकीदार को मोबाइल पर बताया कि गाय नदी के दलदल में फंस गई है। कुछ ही देर में चौकीदार एक साथी के साथ रस्सा एवं लकड़ी लेकर आया। एक सफाई कर्मी ने बड़ी चतुराई से गाय के गले में रस्सी का फंदा बनाकर डाला और रस्सी का दूसरा सिरा जेसीबी के मशीन पंजे से बांधकर दलदल में से खींचकर गाय को सुरक्षित बाहर निकाला।
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