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झालावाड़: विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की पूर्व संध्या पर अस्पताल में कार्यरत गार्डों को न्यूरो साइकियाट्रिस्ट एवं जिला नोडल अधिकारी मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम डॉक्टर रश्मी गुप्ता ने मानसिक बीमारियों की जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि आज के समय में मानसिक रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है करीब 10 से 15 प्रतिशत लोगों में यह बीमारी होने लगी है। लेकिन मानसिक रोगी के कई लक्षण दिखने के बावजूद भी अनदेखी करने से अन्य शारीरिक बीमारियों जैसे बी. पी. शुगर, ह्रदय रोग, लकवा मिर्गी एक्सीडेन्ट इत्यादि के बाद और भी ज्यादा बढ़ जाती है। मानसिक स्वास्थ्य को वैश्विक प्राथमिकता बनाना " उद्देश्य को इस बार विश्व स्वास्थ्य सगठन ने थीम बनाया हैं। साथ ही जन-जन में मानसिक उपचार जागरूकता, उपलब्धता एवं समर्थता का उद्देश्य लेकर मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाया रहा है।
जिला अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर संजय पोरवाल ने कहा कि अस्पताल में आने वाला प्रत्येक व्यक्ति चाहे वो रोगी हो या अभिभावक तनाव की स्थिति में होता है। उनकी मनोस्थिति को समझ कर उनकी मदद कर अस्पताल का वातावरण शांत एवं सहयोगपूर्ण बनाने में गार्ड महत्वपूर्ण भूमिका निभाए। साथ ही जो स्वयं तनाव की स्थिति में उत्तेजित हो जाते है या तनाव को हटाने के लिए नशे का सहारा लेते है उन्हें भी मनोचिकित्सक से मदद लेनी चाहिए।
Rani Sahu
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