जयपुर न्यूज: प्रदेश के चर्चित एकल पट्टा मामले की जांच सीबीआई से करवाने से जुड़े मुद्दे पर मंगलवार को मामले के मृत परिवादी रामशरण सिंह के बेटे सुरेन्द्र सिंह की ओर से हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र दायर कर कहा कि वह सीबीआई से जांच नहीं कराना चाहता है। इसलिए इस मामले की सीबीआई से जांच करवाने संबंधी वाली याचिका को वापस लेने की मंजूरी दी जाए। इसके विरोध में मामले में पक्षकार बनने की अर्जी दायर करने वाले अशोक पाठक की ओर से अधिवक्ता संदेश खंडेलवाल ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि यह मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा है और इसमें राज्य सरकार के मंत्री व अफसर शामिल रहे हैं।
मामले की अगली सुनवाई जुलाई तक टली: इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी एसएलपी पर सुनवाई करते हुए यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल सहित अन्य से जवाब मांगा था। इसके अलावा परिवादी के बेटे काे इस केस में सुनवाई का कोई अधिकार नहीं है। इसलिए मामले को वापस लेने की मंजूरी नहीं दी जाए व इसकी जांच सीबीआई को भेजी जाए। जस्टिस सीके सोनगरा ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मामले की सुनवाई जुलाई महीने में तय की। इस मामले में पेश किए जवाब में सीबीआई ने कहा था कि यदि अदालत उन्हें मामले की जांच देने का आदेश देगी तो वे कर लेंगे और उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। हांलाकि हाईकोर्ट ने इस मामले में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के खिलाफ चर्चित एकल पट्टा केस को खत्म कर दिया है।