कोटा: शहर में विकास व चौराहों के सौन्दर्यीकरण पर जहां करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। वहीं नगर निगम कार्यालय के पास 17 साल पुराने पार्क को निगम की जगह एक निजी संस्था द्वारा विकसित किया गया है। आश्चर्य की बात तो यह है कि पार्क का नाम जिस डॉल्फिन के नाम पर रखा गया था अब वहां से वह डॉल्फिन ही गायब हो गई है। सीएडी चौराहे से चम्बल गार्डन रोड पर नगर निगम कार्यालय के पास स्थित है डॉल्फिन पार्क। पार्क की दूरी नगर निगम से महज 150 फीट की भी नहीं है। उसके बाद भी नगर निगम उस पार्क को विकसित नहीं कर रखा। नतीजा एक निजी संस्था राउंट टेबल इंडिया ने इस पार्क को गोद लेकर विकसित किया है। जिसका कुछ दिन पहले ही उद्घाटन किया गया। उस कार्यक्रम में नगर निगम कोटा दक्षिण के कार्यवाहक आयुक्त, उपायुक्त व निगम के अधिकारी और नेता प्रतिपक्ष समेत कई अधिकारी व जनप्रतिनिधि भी मौजूद थे। लेकिन जिस डॉल्फिन के नाम से यह पार्क बनाया गया था उस पार्क से डॉल्फिन ही गायब होने पर किसी का ध्यान नहीं गया।
2006 में यूआईटी ने बनाया था पार्क
चम्बल गार्डन रोड स्थित डॉल्फिन पार्क को नगर विकास न्यास ने बनाया था। जिसका उद्घाटन 18 जनवरी 2006 को तत्कालीन संसदीय सचिव ओम बिरला व महापौर मोहनलाल महावर ने किया था। उसके बाद जिस शक्ति नगर क्षेत्र में यह पार्क आता है वह क्षेत्र ही नगर निगम को हस्तांतरित हो गया। जिससे यह पार्क भी निगम के क्षेत्र में आ गया। पहले न्यास इस पार्क की सार संभाल करता था। उसके बाद नगर निगम ने सार संभाल की। लेकिन हालत यह है कि आज पार्क में सब कुछ है लेकिन डॉल्फिन नहीं है।
प्लास्टिक की तीन बड़ी डॉल्फिनथी
जिस समय पार्क विकसित किया गया था उस समय यहां तीन बड़ी डोलफिन लगाई गई थी। वह डॉल्फिन प्लास्टिक की बनी हुई थी। लेकिन हालत यह है कि निगम की अनदेखी के चलते पार्क दुर्दशा का शिकार तो हुआ ही धीरे-धीरे उस पार्क से डोलफिन क्षतिग्रस्त होती गई। वर्तमान में तो वह पूरी तरह से गायब ही हो गई।
निजी संस्था ने किया पार्क विकसित
राउंड टेबल इंडिया संस्था ने इस पार्क को गोद लेकर उसे विकसित करने का प्रस्ताव नगर निगम को दिया था। नगर अधिकारियों ने उस प्रस्ताव को बोर्ड बैठक में रखा। जिस पर चर्चा के बाद उसे पारित कर दिया गया। नगर निगम कोटा दक्षिण के नेता प्रतिपक्ष विवेक राजवंशी ने बताया कि नगर निगम के सबसे नजदीक होने के बाद भी निगम अधिकारी इस पार्क को विकसित नहीं कर पा रहे थे। उनके प्रयास से इस पार्क को राउंड टेबल इंडिया संस्था को गोद दिया गया है। उन्होंने पार्क की रंगाई पुताई करवाकर उसे विकसित किया है। यहां बीच में अशोक चक्र बना हुआ है। बैठने की बैंच, बड़े-बड़े गमलेनुमा पोट लगे हैं। साथ ही निगम के पुराने डोजर को सेना के रंग में पोतकर जहां रखा गया है। जिससे यह पार्क एक बार फिर बाहर से ही देखने लायक हो गया है। इस पार्क को गोद देने से पहले ही इसमें डॉल्फिन नहीं थी।
इनका कहना है
डोलफिन पार्क को न्यास ने बनाया था। शक्ति नगर कॉलोनी निगम को हैंड ओवर होने के बाद से निगम इस पार्क की सार संभाल कर रहा था। इसमें प्लास्टिक की तीन डोलफिन थी। जो समय के साथ कई बार क्षतिग्रस्त हुई। उसे नगर निगम ने करीब 6 से 7 बार ठीक भी कराया था। लेकिन बाद में वह इतनी अधिक क्षतिग्रस्त हो गई कि उन्हें ठीक कराया जाना संभव नहीं था। इस कारण से उन्हें यहां से हटा दिया है। यदि संस्था या किसी व्यक्ति द्वारा यहां फिर से डोलफिन लगाने का सुझाव व प्रस्ताव आएगा तो उस पर विचार किया जाएगा।
- ए.क्यू कुरैशी, एक्सईएन नगर निगम कोटा दक्षिण