उदयपुर न्यूज: जयपुर में डॉक्टरों पर लाठीचार्ज के विरोध में हड़ताल पर गए रेजिडेंट्स तीसरे दिन गुरुवार को भी नहीं लौटे. वहीं, आरएनटी मेडिकल कॉलेज के प्राध्यापकों ने दो घंटे तक कार्य बहिष्कार किया। सरकारी अवकाश के कारण प्राध्यापकों की ड्यूटी का समय मात्र दो घंटे (सुबह 9 से 11 बजे) था, जो बहिष्कार में चला गया। आरएनटी के पांचों अस्पतालों में 7000 की ओपीडी घटाकर 4000 कर दी गई।
रोजाना भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या 370 से घटकर 190 पर आ गई। सबसे बड़ी एमबी व सुपर स्पेशलिटी में प्रतिदिन औसतन 4650 ओपीडी और 285 मरीज भर्ती हैं। गुरुवार को 2350 ओपीडी और 134 भर्ती मरीज थे। चांदपोल-हिरण मगरी के सेटेलाइट अस्पतालों में एक भी मरीज भर्ती नहीं किया गया, जबकि रोजाना औसतन 10 मरीज भर्ती हो रहे हैं। प्राचार्य डॉ. विपिन माथुर के बेहतर व्यवस्था और मरीज हित के दावे धरातल पर नजर नहीं आए।
इधर, कुछ निजी अस्पताल स्वास्थ्य के अधिकार विधेयक के चलते सिर्फ इमरजेंसी और आईसीयू की सुविधा चला रहे हैं तो कुछ इस मौके को भुनाने के लिए जमकर मरीजों को भर्ती कर रहे हैं. हिरन मगरी और शहर के बीच स्थित अस्पताल मरीजों से खचाखच भरे रहे।