चौमहला। चौमहला क्षेत्र के 103 गांवों के करीब सवा लाख लोगों को चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाने वाला चौमहला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर महिला चिकित्सक नहीं है। जिससे महिलाओं को परेशानी हो रही है। सरकार ने यहां एक करोड़ रुपए की लागत से भवन तो बनवा दिया, लेकिन महिला चिकित्सक सहित विशेषज्ञ चिकित्सक सहित अन्य सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। कस्बे वाशिन्दों द्वारा इस चिकित्सालय को 30 बेड की बजाय 50 बेड का करने की मांग भी की जा रही है। 30 बेड की क्षमता वाले इस चिकित्सालय में महिला चिकित्सक सहित कनिष्ठ विशेषज्ञ सजर्री,कनिष्ठ विशेषज्ञ मेडिसिन का पद रिक्त है। महिला चिकित्सक का पद नहीं होने से महिलाओं को छोटी छोटी बीमारियों में निकटवर्ती मध्य प्रदेश के चिकित्सालय में जाना पड़ रहा है, डग पंचायत समिति क्षेत्र की आधी से अधिक ग्राम पंचायतों के लोग उपचार के लिए चौमहला,गंगधार,उन्हेल आते है, लेकिन तीनों ही सरकारी अस्पतालों में महिला चिकित्सक नहीं है, ऐसे में प्रसव के दौरान स्थिति बिगड़ने पर प्रसूताओं को मजबूरन जिला चिकित्सालय झालावाड़,भवानीमंडी ,मध्य प्रदेश के नागदा,मन्दसौर,खारवा, उज्जैन की और रुख करना पड़ता है। डेंटल चिकित्सक का पद भी रिक्त है जबकि अस्पताल में डेंटल की आधुनिक मशीन भी लगी हुई है। दंत चिकित्सक के स्थानांतरण के बाद से यह पद रिक्त चल रहा है। चिकित्सालय में एक्सरे,लेब सम्बन्धी जांच की सुविधा उपलब्ध है। यहां ईसीजी, सोनाग्राफी जांच की सुविधा का अभाव है, अस्पताल में ईसीजी मशीन रखी है, लेकिन तकनीशियन के अभाव में सुविधा मरीजों को नही मिल पा रही है। वर्तमान में यह मशीन खराब है।
पांच साल से सोनोग्राफी बन्द
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चौमहला में विगत 5 साल से सोनोग्राफी नहीं हो रही है तथा यह मशीन भी खराब है। मशीन खराब होने व चिकित्सक के आभाव के कारण गर्भवती महिलाओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। महिलाओं को सोनोग्राफी के लिए 25 किलोमीटर दूर डग या जिला चिकित्सालय झालावाड़ जाना पड़ रहा है। सोनाग्राफी चिकित्सक व मशीन के अभाव मे महिलाओं को यात्रा के दौरान शारीरिक मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिससे गर्भवती महिलाओं के साथ साथ उनके परिजनों को भी काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। सीएचसी के मुख्य चिकित्सा प्रभारी डॉ राजकुमार बाघेला ने बताया कि सोनोग्राफी बंद है और सोनोग्राफी चिकित्सक का पद भी रिक्त है। जिसके संदर्भ में कई बार क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों व उच्च अधिकारियों को भी अवगत करवाया गया, लेकिन चिकित्सकों की नियुक्ति नहीं होने के कारण समस्या अभी तक ज्यों की त्यों ही बनी हुई। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चौमहला में मौसमी बीमारियों का प्रकोप चल रहा है। मौसम के परिवर्तन के चलते मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, गत सप्ताह तक ओपीडी 350 से 400 तक थी बरसात होने के कारण वर्तमान में ओपीडी 200 से 250 तक चल रही है। इस समय सर्दी जुखाम सहित अन्य बीमारी के मरीज आ रहे है। मौसमी बीमारियों को देखते हुए चिकित्सालय में दवाइयां व जांच सुविधा पर्याप्त है।
चिकित्सालय में महिला चिकित्सक के नहीं होने से छोटी छोटी बिमारियों के लिए महिला को बाहर जाना पड़ता है, जिस कारण काफी समय व धन बर्बाद होता है। यहां महिला चिकित्सक की शीघ्र नियुक्ति हो।