राजस्थान

पीओएस मशीन के बिना उर्वरकों का विक्रय नहीं करें विक्रेता एक माह तक कृषि आदानों की गुणवत्ता परख

Tara Tandi
7 Jun 2023 11:23 AM GMT
पीओएस मशीन के बिना उर्वरकों का विक्रय नहीं करें विक्रेता एक माह तक कृषि आदानों की गुणवत्ता परख
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खरीफ फसलों की बुवाई का कार्य मानसून की वर्षा के साथ शुरू हो जायेगा और लगभग एक सप्ताह में पूर्ण हो जायेगा। कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक कैलाश चन्द मीणा ने बताया कि इस वर्ष खरीफ 2023 में जिले में खरीफ फसलों का क्षेत्रफल 3.58 लाख हैक्टेयर रहने की सम्भावना है। जिसमें सोयाबीन फसल का क्षेत्रफल 2.50 लाख हैक्टेयर एवं अन्य खरीफ फसलों का क्षेत्रफल 1.08 लाख हैक्टेयर रहने की संभावना है।
उन्होंने बताया कि खरीफ फसलों की बुवाई का कार्य शुरू होने के साथ ही आदानों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु सघन गुण नियंत्रण अभियान 5 जून से 07 जुलाई 2023 तक चलाया जा रहा है। जिसके तहत जिले के उर्वरक, बीज एवं कीटनाशी विक्रेताओं के संस्थानों का निरीक्षण करके निरीक्षकों द्वारा गुणवत्ता परख हेतु नमूने लेकर सक्षम प्रयोगशालाओं को उचित जांच हेतु भिजवाये जायेंगे। जांच में अमानक पाये जाने पर कार्यवाही भी होगी।
उल्लेखनीय है कि कृषकों के माध्यम से यह शिकायत प्राप्त होती है कि आदान विक्रेताओं द्वारा आदानों का विक्रय कृषकों को सरकार द्वारा निर्धारित दर से अधिक दर पर किया जाता है एवं क्रय बिल भी नहीं दिया जाता है। अतः समस्त आदान विक्रेताओं को सूचित किया जाता है कि कोई भी उर्वरक विक्रेता अधिक मूल्य, कालाबाजारी, अवैध भण्डारण, बिना पोस मशीन एवं रात्रि के समय उर्वरक विक्रय नहीं करें। साथ ही उर्वरक वितरण करते समय कृषकों की सुविधा का ध्यान रखते हुये एक कृषक को एक समय में जोत एवं उर्वरक उपलब्धता के आधार पर अधिकतम 2-5 कट्टे यूरिया उर्वरक का ही वितरण किया जाए, ताकि उपस्थित सभी कृषकों को समय पर उर्वरक उपलब्ध होता रहे।
निरीक्षण के दौरान कृषि आदान विक्रेताओं के संस्थान पर किसी तरह की अनियमितता जैसे पोस मशीन द्वारा उर्वरकों का वितरण नही करना, स्टॉक रजिस्टर का संधारण नही करना, कृषकों को बिल नही देना, समय पर आदानों की बिक्री रिपोर्ट कृषि कार्यालय को नही भिजवाना आदि अनियमितता पाये जाने पर सुसंगत अधिनियमों, नियमों तथा नियंत्रण आदेशों द्वारा प्रदत्त प्रावधानों के तहत बिक्री पर रोक, जब्ती, लाईसेन्स निलम्बन व लाईसेन्स निरस्त जैसी ठोस कार्यवाही की जाएगी।
कृषि अधिकारी (सामान्य) चौथमल शर्मा ने बताया कि वर्तमान में जिले में विक्रेताओं के पास 27250 मैट्रिक टन यूरिया, 5905 मैट्रिक टन डीएपी उर्वरक का स्टॉक उपलब्ध है। हालांकि अभी किसानों को उर्वरक की आवश्यकता नहीं है, लेकिन जिले में खाद का आवंटन एवं स्टॉक प्रतिमाह के हिसाब से किया जाता है। जिसके बाद ही विक्रेताओं को कम्पनियों से उर्वरक उपलब्ध कराया जाता है।
पीओएस मशीन (पाईन्ट ऑफ सेल) से उर्वरकों का वितरण होगा अनिवार्य
कृषकों से अपील है कि उर्वरक क्रय करने हेतु अपना आधार कार्ड अवश्य साथ लेकर जाएं ताकि उर्वरक क्रय करते समय पीओएस मशीन के माध्यम से अंगूठा निशानी लगाकर उर्वरक खरीदा जा सके। साथ ही सभी कृषि आदान विक्रेताओं को आदेशित किया जाता है कि पीओएस मशीन के बिना उर्वरकों का विक्रय नहीं करें एवं जितना उर्वरक कृषक द्वारा क्रय किया जाता है उसके आधार पर क्रय किये गये कट्टे ही पीओएस मशीन में दर्ज करें।
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