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राजस्थान | जैन श्वेतांबर समाज के पर्युषण महापर्व का मंगलवार से आगाज हो गया। पहला दिन विभिन्न स्थानों पर अहिंसा पर्व व खाद्य संयम दिवस के रूप में मनाया गया। कई जगहों पर मांगलिक कार्यक्रम के साथ प्रतियोगिताएं भी हुईं। वहीं, धर्मगुरुओं के विशेष प्रवचन हुए। आयड़ तीर्थ पर साध्वी प्रफुल्लप्रभा एवं वैराग्य पूर्णा आदि साध्वियों के सानिध्य में सुबह आरती, मंगल दीपक, महाअभिषेक एवं अष्ट प्रकार की पूजा-अर्चना की गईं। वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रमण संघ की ओर से सिंधी बाजार स्थित पंचायती नोहरे में अहिंसा दिवस मनाया ।
सुकन मुनि महाराज ने कहा कि वर्ष में एक बार 8 दिनों का यह महापर्व हमें आत्म कल्याण का मार्ग बताता है। जो व्यक्ति अहिंसा को अपनाता है, वह मोक्ष मार्ग को प्राप्त करता है। इस दौरान श्राविका संघ की ओर से ध्यान प्रतियोगिता आयोजित की गई। 50 से अधिक श्राविकाओं ने भाग लिया। इस अवसर पर अध्यक्ष डॉ. मंजु सिरोया, मंत्री डॉ. पुष्पा खोखावत, संतोष मेहता, अनामिका सेठिया, मंजु धर्मावत आदि मौजूद रहे। उधर, नाइयों की तलाई स्थित तेरापंथ भवन में पहला दिन ‘खाद्य संयम दिवस’ के रुप में मनाया गया। साध्वी डॉ. परमप्रभा ने कहा कि पर्युषण महापर्व प्रकाश के अवतरण का पर्व है
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Harrison
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