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जयपुर। राजस्थान की राजनीतिक फ़िज़ाओं में कई बादल बरसने को तैयार है। एक तरफ जहां सीएम गहलोत के कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के एलान के बाद अगले मुख्यमंत्री को लेकर असमंजस बना हुआ है। तो वहीं, दूसरी ओर राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चिकाल के लिए स्थगित कर दी गई है। सदन में 'राइट टू हैल्थ' बिल को लेकर शुक्रवार को गहमा गहमी बनी रही। नतीजा ये कि 'राइट टू हैल्थ' बिल सदन में पारित नहीं हो पाया। बिल को फिलहाल प्रवर समिति को भेज दिया गया है। इस दौरान कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने अपनी ही सरकार को निशाने पर ले लिया।
दिव्या मदेरणा ने प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी के मुद्दे पर प्रदेश सरकार को घेरते हुए सदन में कहा कि 'मुझे नापंसद कर सकते हैं, लेकिन नजर अंदाज नहीं कर सकते। जनता के हक की बात रखना मेरी जिम्मेदारी है।' इस दौरान दिव्या मदेरणा ने राइट टू हैल्थ बिल पर स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीना को घेरते हुए यहां तक कह दिया कि 'सीएम गहलोत के गृह जिले में चिरंजीवी योजना मुंह के बल गिर चुकी है। प्राइवेट हॉस्पिटल्स चिरंजीवी योजना की जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं। इसकी प्रमुख वजह प्रशासन की विफलता है।'
विधायक ने स्वास्थ्य मंत्री पर उठाए सवाल
दिव्या मदेरणा ने 'राइट टू हैल्थ' बिल की बहस के दौरान कहा कि "प्राइवेट सेक्टर के 890 अस्पताल चिरंजीवी योजना में रजिस्टर्ड हैं, लेकिन जोधपुर में आपने देखा होगा कैसे प्राइवेट अस्पताल ने पैसे वसूले। प्राइवेट अस्पताल वाले जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे मरीज के परिजनों से कन्सेंट साइन करवा लेते हैं कि उन्हें चिरंजीवी योजना का फायदा नहीं लेना।" साथ ही पूरे मामले पर उन्होंने कहा कि, "स्वास्थ्य मंत्री सदन में बयान दें तो ऐसे प्रशासनिक फैल्योर पर सख्त एक्शन लें। जोधपुर मेटर पर आप के कथित जवाब पर उस अफसर को सस्पेंड कीजिए। आपके जवाब में प्राइवेट अस्पताल का स्टेटमेंट लिखकर जांच के नाम पर भेजा है, वह सीएमएचओ की जांच नहीं है। सीएमएचओ अस्पताल का कथन जांच रिपोर्ट के नाम पर लिख रहा है तो हमारा प्रशासन क्या कर रहा है।"
मंत्री जी...मंत्री जी, सुन रहे हैं क्या, मैं कहना चाहती हूं कि चिरंजीवी योजना मुख्यमंत्री के क्षेत्र में कलेक्टर और प्रशासन की विफलता के चलते मुंह के बल गिर जाती है : दिव्या मदेरणा#Rajasthan pic.twitter.com/vb1CLBhqfY
— Avdhesh Pareek (@Zinda_Avdhesh) September 23, 2022
श्री राम हॉस्पिटल से जुड़ा है पूरा मामला
दरअसल, यह पूरा मामला जोधपुर के एक प्राइवेट श्रीराम हॉस्पिटल से जुड़ा है। इस हॉस्पिटल में ओसियां निवासी जोगेंद्र डूडी को 7 सितंबर को हार्ट अटैक आने पर एडमिट करवाया गया था। इस दौरान परिजनों ने हॉस्पिटल प्रशासन पर आरोप लगाए थे कि इलाज को चिरंजीवी योजना के तहत नहीं जोड़ा गया और रुपए वसूल किए गए। आरोप ये भी लगाए कि गांव से आए मरीज से पहले सवा लाख रुपए लिए और फिर इलाज के बाद 7.50 लाख का बिल परिजनों के हाथ में थमा दिया।
वहीं, मामले की सुचना पर दिव्या मदेरणा 10 सितंबर की रात हॉस्पिटल पहुंची थीं और वहां धरने पर बैठ गई थीं। इस दौरान कांग्रेस विधायक ने कलेक्टर औऱ प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप भी लगाया था।
न्यूज़ क्रेडिट : sachbedhadak
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