राजस्थान
संभागीय आयुक्त ने धरियावद में लगाई रात्रि चौपाल -समस्याएं सुन अधिकारियों को दिए त्वरित समाधान के निर्देश
Tara Tandi
30 May 2024 10:53 AM GMT
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प्रतापगढ़ । संभागीय आयुक्त नीरज के पवन ने बुधवार को धरियावद उपखण्ड की ग्राम पंचायत गोपालपुरा में आयोजित रात्रि चौपाल में ग्रामीणों की समस्याएं सुनकर मौके पर ही अधिकारियों को परिवेदनाओं के त्वरित समाधान के निर्देश दिए। उन्होंने वहां उपस्थित ग्रामजन से बात की और उनकी समस्याओं को जाना।
रात्रि चौपाल में ग्रामीणों द्वारा पेयजल आपूर्ति करवाने, विद्युत सहित अन्य समस्याओं को सुना। उन्होंने कहा की आमजन की समस्याओं का त्वरित गति से निस्तारण किया जाए। मौके पर उपखंड अधिकारी कपिल कोठारी सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।
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जिला कलक्टर ने देवगढ़ में रात्रि चौपाल लेकर सुनी ग्रामीणों की समस्याएं
गर्मी में पानी-बिजली एवं चिकित्सा सुविधाएं सुनिश्चित करने के दिए निर्देश
प्रतापगढ़,30 मई। जिला कलक्टर डॉ. अंजली राजोरिया ने बुधवार को देवगढ़ में रात्रि चौपाल का आयोजन कर आमजन की समस्याओं को सुना और गर्मी में पानी-बिजली एवं चिकित्सा सुविधा सहित अन्य परिवेदनाओं के त्वरित निस्तारण के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किए।
रात्रि चौपाल में ग्रामीणों द्वारा जिला कलक्टर को बिजली कटौती, विद्युत कनेक्शन, पेयजल आदि से संबंधित शिकायतों को सुना। इस पर जिला कलक्टर ने संबंधित विभागीय अधिकारियों को उनके विभाग से संबंधित प्रकरणों की जांच कर परिवेदनाओं के त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए है।
जिला कलक्टर ने रात्रि चौपाल में उपस्थित अधिकारियों से कहा कि आमजन की समस्याओं का नियमानुसार गुणवत्तापूर्ण समाधान करे। इस दौरान उन्होंने उपस्थित ग्रामीणों को भीषण गर्मी से बचाव के लिए अपील करते हुए कहा कि अपना व अपने परिवार के सदस्यों का इस तीव्र गर्मी में ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि दिन के समय में घरों से बाहर निकलने से बचें।
इस दौरान जिला परिषद सीईओ परसाराम, उपखंड अधिकारी प्रतापगढ़ राजेश कुमार नायक सहित विभिन्न विभागों के जिला व ब्लॉक स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित
जागरूकता गतिविधियां सिर्फ महिलाओं तक केन्द्रित न हो, हर व्यक्ति तक पहुंचे कानूनी प्रावधानों की जानकारी: जिला कलक्टर
प्रतापगढ़,30 मई। जिला कलक्टर डॉ. अंजलि राजोरिया की अध्यक्षता में गुरुवार को महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में वर्तमान में दर्ज प्रकरणों की स्थिति, अलग-अलग श्रेणियों में दर्ज प्रकरणों की समीक्षा, महिला सलाह एवं सुरक्षा केंद्र, सखी वन स्टॉप केंद्र, महिला शौचालय, महिला सुरक्षा सहित अन्य बिंदुओं पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई। जिला कलक्टर ने कहा की जागरूकता गतिविधियां सिर्फ महिलाओं तक केन्द्रित न हो, हर व्यक्ति तक कानून के प्रावधानों की जानकारी पहुंचनी चाहिए।
बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बनवारी लाल मीणा ने बताया की आईपीसी की धारा 228क के अनुसार जो कोई व्यक्ति किसी आईपीसी की धारा 376 के अपराध से पीड़ित महिला की पहचान उजागर करता है, किसी बात को मुद्रित करता है, या उसकी पहचान को प्रकाशित करता है वह व्यक्ति भारतीय दण्ड संहिता की धारा 228 क के अंतर्गत दोषी होगा। इस धारा के अपराध के लिए अधिकतम दो वर्ष की कारावास और जुर्माना दोनों से दण्डित किया जा सकता है। बैठक में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक डॉ. टी आर आमेटा सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।
घरेलू हिंसा की परिभाषा में भावनात्मक या आर्थिक दुर्व्यवहार भी है शामिल
बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की सहायक निदेशक ने बताया की घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 के अनुसार "घरेलू हिंसा" की परिभाषा में वास्तविक दुर्व्यवहार या धमकी या शारीरिक, यौन, मौखिक, भावनात्मक या आर्थिक दुर्व्यवहार शामिल करता है। यह महिलाओं को सुरक्षित आवास पाने, कंपनसेशन और संरक्षण का अधिकार प्रदान करता है। यह महिला को उसके वैवाहिक घर या साझा घर में रहने का अधिकार भी प्रदान करता है, चाहे उसके पास ऐसे घर या घर में कोई अधिकार हो या न हो।
कोर्ट, थाना, महिला एवं बाल विकास का दफ्तर और आंगनबाड़ी केन्द्र में भी कर सकती हैं शिकायत
* घरेलू हिंसा कानून के दायरे में महिलाओं के खिलाफ हर तरह की हिंसा आती है। इसके तहत महिला हर जिले में तैनात सुरक्षा अधिकारी के पास सीधे शिकायत दर्ज करा सकती हैं,
* महिलाएं सीधे थाने में भी एफआईआर दर्ज करा सकती हैं,
* महिला एवं बाल विकास विभाग के उपनिदेशक और बाल विकास अधिकारी से भी ऐसे मामलों की शिकायत की जा सकती है,
* कई सरकारी और गैर सरकारी संगठन भी महिलाओं के लिए काम करते हैं, ऐसे संगठनों से घरेलू हिंसा या उत्पीड़न से जुड़े मामलों में मदद ली जा सकती है,
* महिलाएं खुद या किसी और की मदद से सीधे जिला न्यायालय में शिकायत कर सकती हैं,
* हेल्पलाइन नंबर 1090, 181 और 100 पर शिकायत करें,
* ग्रामीण महिलाएं आंगनबाड़ी केन्द्रों में भी शिकायत कर सकती हैं।
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Tara Tandi
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