उदयपुर न्यूज़: वन विभाग की सायरा रेंज में बिना काम स्वीकृत हुए 69 छोटी तलाई (एमपीटी) खोदने के घोटाले की जांच अभी जारी है। इस बीच, जल ग्रहण विकास एवं भू-सरंक्षण विभाग की ओर से एमपीटी बनाने के मामले में भी गड़बड़ी सामने आई है। हालांकि, विभाग ने एमपीटी तो बनाई है, लेकिन जिस गांव में इन्हें बनानी था, उसकी जगह 20 किमी दूर दूसरे गांव में बना दी।
एक मामला ऐसा भी सामने आया है कि एमपीटी खोदकर उस पर कार्य कोड भी लिखा है, जबकि यह काम विभाग के रिकॉर्ड में ही नहीं है। यानी यह एमपीटी भी किसी दूसरे गांव की यहां खोदकर बोर्ड लगा दिया। खास बात यह है कि इनका भुगतान भी हो गया है। खुलासा तब हुआ जब जिले के हर छोटे-बड़े झील-तालाब-एनीकट छलक रहे हैं, लेकिन झिंडोली की एमपीटी में एक बूंद तक नहीं है। विभाग कहीं की एमपीटी कहीं और बनाने की बात तो स्वीकार रहा है, लेकिन इसे गलती नहीं मान रहा। वर्ष 2021 से लेकर अब तक बड़गांव पंचायत समिति के गांवों में करीब 126 एमपीटी बनाए गए हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि किसी गांव की एमपीटी किसी दूसरे में खोदकर संबंधित गांव को नुकसान पहुंचाया गया है। जिस दूसरे गांव में एमपीटी बनाई गई हैं, वे आनन-फानन में ऐसी बना दी है कि पानी ही नहीं आ रहा। आरोप है कि जिम्मेदारों ने कहीं की एमपीटी कहीं खुदवाकर ठेकेदार को फायदा पहुंचाया है। ठेकेदार को एक जगह से दूसरी जगह पर एमपीटी बनाने के लिए मशीनरी लोडिंग, अपलोडिंग और सामान को पहुंचाने के लिए फ्यूल और किराया खर्च करना पड़ता, जो कि बच गया।