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जयपुर। जयपुर पुलिस की ओर से राजस्थान गुण्डा एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए चार अपराधियों को (तडीपार) जिला बदर किया गया है। । जिला बदर (निष्कासन) के दौरान सभी अपराधियों को एक माह से दो माह तक की अवधि के लिए जिले की सीमाओं से बाहर निष्कासित किया गया।
पुलिस उपायुक्त जयपुर (उत्तर) परिस देशमुख ने बताया कि विभिन्न अपराधों को अंजाम देकर समाज में भय और आतंक का माहौल निर्मित करने वाले आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्तियों के खिलाफ जिले में लगातार कार्रवाई की जा रही है। जिसके चलते बुन्दु खां (38) निवासी बिहारियों का टीला भट्टा बस्ती जयपुर,शंकर लालवानी (40) निवासी हीदा की मोरी रामगंज हाल आमेर जयपुर,तुलसी (37) निवासी विद्याधर नगर जयपुर और अफजल कुरैशी (34) निवासी शहीद इन्द्रा ज्योति नगर कच्ची बस्ती भट्टा बस्ती जयपुर को (तडीपार) जिला बदर किया गया है।
जिला बदर (निष्कासन) के दौरान सभी अपराधियों को एक माह से दो माह तक की अवधि के लिए जिले की सीमाओं से बाहर निष्कासित किया गया । जिला बदर (निष्कासन) के दौरान सभी अपराधियों को दौसा, टोंक, सीकर एंव जोधपुर जिले की सीमाओं से बाहर निष्कासित किये गये स्थान पर रहना होगा तथा संबंधित थाने में समय-समय पर अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी। समय अवधि पूर्ण होने से पूर्व बिना अनुमति जिला जयपुर की सीमाओं के किसी भाग में प्रवेश नहीं करेंगें।
गौरतलब है कि राजस्थान गुण्डा एक्ट के तहत वर्ष 2021 एंव 2022 में अब तक 174 तड़ीपार किए जा चुके है। वहीं पूरे राजस्थान में वर्षं 2021 एंव 2022 में गुण्डा एक्ट के तहत जिला जयपुर (उत्तर) की सबसे ज्यादा कार्रवाई की है। जानकारी के अनुसार राजस्थान में आदतन अपराधी जो बार-बार अपराध करते है जो जुआ-सट्टा खेलना, अवैध शराब तस्करी, लड़ाई-झगडा आदि तरह के अपराध करते है, जिनसे समाज के लोगों में भय बना रहता है, जिनके विरुद्ध आमजन रिपोर्ट देने से घबराते है ऐसे अपराधियों को राजस्थान गुण्डा नियन्त्रण अधिनियम 1975 की धारा 3 के तहत जिले की सीमाओं से निष्कासित किया जाता है। पूरे राजस्थान में यह आदेश जिला मजिस्ट्रेट एवं कलेक्टर द्वारा किया जाता है लेकिन आयुक्तालय प्रणाली (कमिश्नरेट) में उक्त शक्तियाँ पुलिस उपायुक्त को प्रदान की गई है।
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