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जयपुर। प्रदेश में पारा बढ़ने से आमजन को तो राहत हुई, मगर किसान के चेहरे पर चिंता की लकीरें देखी गईं। अभी तक मावठ नहीं पड़ी, जिसके कारण रबी की फसल के प्रभावित होने की आशंका है। किसानों को इस सीजन में दो से तीन बार सिंचाई करनी पड़ी है। मौसम की बात करें तो शुक्रवार को दिनभर धूप खिली रही वहीं, शाम को शीतलहर चलने से लोगों को ठंड का अहसास हुआ। सीकर के फतेहपुर में न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु से बढ़कर 10.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। जयपुर मौसम केंद्र के अनुसार सीकर सहित प्रदेश में 2 जनवरी तक मौसम शुष्क रहने की संभावना है। शनिवार को घने कोहरे और 1 व 2 जनवरी को शीतलहर चलने की संभावना है। ऐसे में तापमान में गिरावट होगी।
प्रदेश में इस सीजन दिसंबर सूखा रहा। हालांकि, गुरुवार को चूरू में कु छ स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी हुई, लेकिन जो बारिश की उम्मीद किसान लगाए बैठे थे उसके सामने यह नाकाफी थी। साल 2016 के बाद ये दूसरा ऐसा सीजन है जब दिसंबर में बिल्कुल बारिश नहीं हुई। बारिश नहीं होने का सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को उठाना पड़ सकता है, क्योंकि रबी की फसल के लिए बारिश बहुत जरूरी है। बारिश और तेज सर्दी के कारण ही गेहूं और सरसों की फसल में दाने अच्छे आते हैं। किसानों एवं कृषि विशेषज्ञों के अनुसार प्रदेश में अभी तक ऐसी कड़ाके की सर्दी नहीं पड़ी है, जो नमी को बरकरार रखे। अचानक पारा बढ़ने से खेतों में बोई गई सरसों, चना व गेहूं की फसलों में नमी की कमी हो गई है। जल अभावग्रस्त इलाकों में रबी की फसल ज्यादा प्रभावित हुई है। पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष कम पैदावार होने की आशंका है, वहीं दूसरी तरफ विशेषज्ञों का कहना है कि अभी भी अगर मावठ पड़ती है तो यह नुकसान कम होगा।
सीकर के फतेहपुर में पिछले छह दिन काफी उतार-चढ़ाव देखा गया। यहां 24 और 25 दिसंबर को पारा जमाव बिंदु के नजदीक था, जो 26 को माइनस 1.4 डिग्री, 27 को माइनस 1.7 डिग्री के अलावा 28 दिसंबर को वापस जमाव बिंदु जीरो पर आ गया। पिछले दो दिन यह गुरुवार को 6.5 डिग्री और शुक्रवार को 10.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यहां लोगों को कोहरे सहित सर्दी से राहत मिली है।
Admin4
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