राजस्थान

सई नदी में नहीं गिरेगा नालों का गंदा पानी, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनकर तैयार

Admin Delhi 1
3 Feb 2023 1:53 PM GMT
सई नदी में नहीं गिरेगा नालों का गंदा पानी, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनकर तैयार
x

प्रतापगढ़ न्यूज़: बेल्हा में आदि गंगा के नाम से जानी जाने वाली सई नदी के किनारे साढ़े आठ करोड़ से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनकर तैयार है. इससे यह तय है कि शहर के नालों का गंदा पानी सई नदी में नहीं जाएगा. मार्च के दूसरे सप्ताह तक इसके शुरू होने की संभावना है. अलग-अलग नालों से आने वाला पानी ट्रीटमेंट प्लांट में चार राउंड फिल्टर करने के बाद नदी में छोड़ा जाएगा. विशेषज्ञों के मुताबिक नालों का पानी फिल्टर करने के बाद उसकी पीएच वैल्यू 6.5 से 8.5 के बीच होगी.

शहर के घरों से निकलने वाला गंदा पानी वर्तमान में चार अलग-अलग नालों से होकर सई नदी में गिरता है. इससे सई नदी का पानी प्रदूषित हो रहा है. इससे नदी के पानी में रहने वाले जीव जंतुओं को खतरा है. सई नदी का पानी प्रदूषित होने से बचाने के लिए अजीतनगर में सई नदी के किनारे साढ़े आठ करोड़ रुपये की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया गया है. नालों से आने वाला गंदा पानी प्लांट में रोककर चार अलग-अलग टैंक में फिल्टर किया जाएगा. फिल्टर के दौरान नालों के पानी का आर्गेनिक अलग कर दिया जाएगा और अंत में क्लोरी नेशन रूम में फिल्टर किए गए पानी की शुद्धता जांची जाएगी. जांच में पानी की पीएच वैल्यू 6.5 से 8.5 के बीच मिलने पर ही पानी नदी में छोड़ा जाएगा अन्यथा उसे दोबारा फिल्टर किया जाएगा.

सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट पर्यावरण व सई नदी के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है. नदी का पानी प्रदूषण मुक्त होने से उसका उपयोग सिंचाई आदि में किया जा सकेगा और नदी में रहने वाले जीव जंतुओं का जीवन सुरक्षि त हो जाएगा.

त्रिभुअन विश्वकर्मा, एडीएम

8.95 मिलियन ली. पानी फिल्टर करने की क्षमता

सई नदी के किनारे स्थापित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट एक बार में 8.95 मिलियन लीटर गंदा पानी रोककर फिल्टर कर सकेगा. इसके अलावा यदि प्लांट पूरी क्षमता से काम करता रहेगा तो यह पानी महज एक से दो घंटे में ही फिल्टर हो जाएगा.

नालों को जोड़ने की चल रही प्रक्रिया

सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनकर तैयार हो चुका है. वर्तमान में शहर के नालों को प्लांट से जोड़ने की प्रक्रिया चल रही है. इसके बाद दिल्ली से इंजीनियरों व वैज्ञानिकों की टीम आएगी और प्लांट संचालित कर फिल्टर किए गए पानी की शुद्धता जांचेगी. इसके बाद ही इसका नियमित संचालन किया जाएगा.

Next Story