बीकानेर दाे दिन से जाेधपुर बाईपास के करीब की आधा दर्जन काॅलाेनियां जलमग्न हैं। नगर निगम दाे दिन में तमाम मशक्कत के बाद भी पाला नहीं बांध पाया। अगर पाला ना टूटता ताे इन काॅलाेनियाें में ज्यादा जलभराव की दिक्कत नहीं हाेती लेकिन दाे दिन से अनाथालय के 25 से ज्यादा बच्चे, ढाई साै के करीब मकान पानी से घिरे हुए हैं। मामले की पड़ताल की तो सामने आया कि ये हादसा यूं ही नहीं हुअा। इसके पीछे मामला गंदे पानी से अवैध कारोबार का है। नाले के गंदे पानी को सरकारी जमीन पर रोक कर कुछ लोग उसे सब्जियां और घास उगाने वालों को बेचते हैं।
दरअसल जाेधपुर बाईपास के पास वल्लभगार्डन ट्रीटमेंट प्लांट के लिए पानी जाता है। कुछ लोग गंदे पानी को प्लांट में जाने से पहले ही राेककर जाेधपुर बाईपास के पास सरकारी जमीन पानी इकट्ठा करते हैं। इसके लिए आसपास के खेत मालिकों ने मिट्टी से पाला बना दिया है। वहां से साइफन और पाइप लगाकर गंदे पानी से सब्जियां और हरी घास उगाई जाती है। जो पानी रोकता है वो किसानों को पानी बेचता है। खुद निगम आयुक्त बताते हैं कि 3000 रुपए में पानी बेचा जा रहा है। वहीं से गायों को हरा चारा देने के लिए चारा आता और उसी गंदे पानी से उगी हुई सब्जियां आती हैं। बुधवार को आई बारिश से पहले यहां से एक किसान सिंचाई कर रहा था। उसने पाइप पाले के नीचे से लगाया। जब पानी ज्यादा आया तो उस पाइप के सहारे रिसाव शुरू हुआ और कुछ देर में पाला ढह गया। जिससे आसपास की कई कॉलोनियों में पानी जमा हो गया।
नगर विकास न्यास का इलाका है लेकिन गुरुवार तक ना तो ऐसे लोगों के खिलाफ ना तो एफआईआर दर्ज कराई गई ना यहां पानी जमा होने से रोका जा रहा है। पाला बांध दिया गया। निगम ने आसपास की कॉलोनियों का पानी निकालने के लिए कई सड़कों को तोड़ा। हैरानी की बात कि यूआईटी के अधिकारियों और इंजीनियर्स को पता है कि यहां गलत तरीके से पानी एकत्र होता है लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया। इधर जहां सीवर लाइन का टेंडर हुआ वहां पहले सड़क बनाने की तैयारी : नगर निगम के भी खेल निराले हैं। करमीसर में सीवरेज के लिए अमृत-2 में प्राेजेक्ट मंजूर हुआ। वहां सीवरेज के टेंडर हाे रहे हैं। करीब 60 किलाेमीटर लाइन डाली जानी हैं लेकिन नगर निगम ने इस इलाके में 37 लाख रुपए से सड़क बनवाने के लिए टेंडर लगा दिया। स्थानीय पार्षद शांति ने एतराज उठाते हुए कहा कि जब सीवरेज डाला जाएगा ताे पूरी सड़क खुदेगी। पहले अगर सड़क बन जाएगी ताे सड़क की दुर्दशा हाे जाएगी। जूनागढ़ के पास सड़क पर दाे जालियां लगी हैं। एक जाली में नाला पूरी तरह साफ है। वहां काेई पानी नहीं लेकिन उसके ठीक पीछे वाली जाली में पानी लबालब है। यानी नाला इन्हीं दाे जालियां के बीच जाम है। निगम ने उसे खुलवाने के लिए काेई प्रयास नहीं किए लेकिन डेयरी बूथ नाले के पास एक ट्रैक्टर लगाया। यहां से करीब 200 मीटर का पाइल डालकर कीर्तिस्तंभ के पास से गुजर रहा आरयूआईडीपी के नाले में पानी निकाला जा रहा है। पाेक मशीन वल्लभगार्डन इलाके में लगी है।