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श्रीगंगानगर। सूरतगढ़-बीकानेर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 62 पर वर्षों पूर्व बना इंदिरा गांधी नहर पुल लंबे समय से जर्जर स्थिति में है। राजस्थान के व्यस्ततम राष्ट्रीय राजमार्ग व श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय को बीकानेर संभाग से जोड़ने वाली यह सड़क हादसों को न्यौता दे रही है. यह पुल इंदिरा गांधी नहर परियोजना की आरडी 236 पर नहर निर्माण के दौरान बनाया गया था। लेकिन वर्तमान में इसकी हालत ऐसी हो गई है कि इसकी साइड की दीवारें छोटी ही नहीं बल्कि संकरी होने लगी हैं। यहां तक कि पुल के जोड़ भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। जबकि यात्रियों से भरी सैकड़ों बसें जिनमें दो पहिया, चार पहिया और भारी भरकम ट्रक सहित सेना के वाहन ही नहीं रोजाना गुजरते हैं। ऐसे में हमेशा अनहोनी की आशंका बनी रहती है। इस पुल को लेकर जनप्रतिनिधियों में नाराजगी है, लेकिन एनएचएआई के अधिकारी इस ओर ज्यादा ध्यान नहीं दे रहे हैं।
किसान नेता राकेश बिश्नोई ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में स्थानीय प्रशासन और जिला कलेक्टर को कई बार अवगत कराया था. लेकिन अभी तक न तो हाईवे से जुड़े अधिकारी और न ही प्रशासन के अधिकारी इस ओर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं. ऐसे में उनके पास इसके लिए आंदोलन करना ही एकमात्र रास्ता बचा है। आपको बता दें कि कम चौड़ाई के पुल पर पराली से भरी ट्रॉली पलट गई थी. जिसके बाद कई घंटे तक हाईवे भी जाम रहा। पुल के पास बिरधवल चौकी पुलिस के अमले ने क्रेन की मदद से ट्राली को सीधा कर यातायात को सुचारू कराया.
आरएस राजपुरोहित ने बताया कि यह हाईवे पीडब्ल्यूडी के एनएच खंड के अंतर्गत है। इसके निर्माण एवं मरम्मत का कार्य भी उन्हीं के अधीन है। उन्होंने बताया कि यह पुल इंदिरा गांधी नहर के निर्माण के दौरान ही बनाया गया था। उस समय ज्यादा ट्रैफिक और लोड नहीं था। लेकिन वर्तमान में इसके ऊपर से भारी वजन और 120 टन तक वजनी ट्रक गुजरते हैं। ऐसे में इसकी स्ट्रेंथ चेकिंग पीडब्ल्यूडी के एनएच एक्शन ने एक थर्ड पार्टी कंपनी के जरिए की है। मंगलवार को भी सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक नहर में और दोनों छोर पर नाव से सर्वे कंपनी ने जांच की है. जिसकी रिपोर्ट तैयार कर एनएचएआई को भेजी जाएगी। इसके बाद संबंधित उच्च अधिकारी ही इस पर निर्णय ले सकेंगे।

Admin4
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