राजस्थान

जालोर सीवरेज और बारिश के पानी से बिखरी सड़क से गुजरना मुश्किल

Admin4
27 Sep 2023 11:00 AM GMT
जालोर सीवरेज और बारिश के पानी से बिखरी सड़क से गुजरना मुश्किल
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जालोर। जालोर शहर की पॉश कॉलोनियों में से एक शिवाजी नगर कॉलोनी में बारिश के दिनों में बरसाती पानी भरा रहता है। इसके अलावा यहां आए दिन सीवरेज का पानी भी इसी तरह ही भरा हुआ रहता है। हालात यह है कि रात में तो यहां से दुपहिया वाहन गुजर भी नहीं सकता है।
कॉलोनीवासियों ने इसको लेकर कई बार नगर परिषद में शिकायत भी की लेकिन आज तक इस समस्या का कोई समाधान नहीं हो पाया है। बारिश में यहां सीवरेज और बरसाती पानी भर जाता है। शिवाजी नगर की अधिकांश गलियों का यह हाल है। पानी भरा रहने के कारण अब यहां बड़े-बड़े गड्ढे बन गए है। गड्ढे भी दो-दो फीट के हो चुके है। यहां से खासकर बुजुर्गों के लिए गुजरना तो नामुनकिन हो चुका है। वहीं कॉलोनी में मुख्य डाक घर कार्यालय, पीएचईडी कार्यालय, पशुपालन विभाग, एलआईसी, सैल्स टैक्स ऑफिस जैसे बड़े-बड़े कार्यालय भी है। ऐसे में कॉलोनीवासियों के अलावा यहां आने वाले अन्य लोगों के लिए भी बड़ी समस्या है। साथ ही यहां से रेलवे स्टेशन, एफसीआई क्षेत्र जाने का भी मुख्य मार्ग है। लेकिन नगर परिषद की अनदेखी और लापरवाही के कारण शहरवासियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस लापरवाही के कारण लोगों का यहां रहना दूभर हो गया है।
महीनों से कॉलोनी में सडक़ों की हालत खराब बनी हुई है। बारिश के कारण सडक़ें जगह-जगह से बिखर चुकी है। ऐसे में वाहन चालकों का यहां से गुजरना मुश्किल हो चुका है। वहीं गड्ढों में भरे पानी से आने वाली बदबू से खासी परेशानी हो रही है। शिवाजी नगर में बिपरजॉय के बाद कॉलोनी की करीब सभी सडक़ों पर गंदा पानी भरा है। कई बार नगर परिषद को शिकायत भी की, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ है। नगरपरिषद के कार्मिक कभी कभार आते है और औपचारिकता कर चले जाते है।
आम दिनों में सीवरेज का पानी भरा रहता है और मानसून में बारिश का पानी मिल जाता है, जिससे सडक़ें तालाब बन जाती है। ज्यादा दिन होने के बाद कीचड़ फैल जाता है और बदबू आने लगती है। ऐसे में यहां रहना भी मुश्किल हो जाता है। कई बार प्रशासन व नगर परिषद को अवगत कराने के बावजूद टूटी सडक़ और गंदे पानी का भराव जैसी समस्या बनी हुई है। गंदे पानी में मच्छर पनप रहे हैं, जिससे मोहल्ले वासियों के बीमारी की चपेट में आने का खतरा है। बरसात के पानी की निकासी का भी कोई रास्ता नहीं है।
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