अलवर: अलवर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में शामिल राजस्थान के अलवर और भरतपुर जिलों में अब 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन नहीं चल सकेंगे। उन्हें परिवहन विभाग की ओर से स्क्रेप किया जाएगा। साथ ही अन्य जिलों और राज्यों के 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों का भी यहां संचालन प्रतिबंधित रहेगा। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) की सख्ती के बाद राज्य सरकार ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है। सब कुछ सही रहा तो अगले दो महीने के भीतर यह पॉलिसी लागू कर दी जाएगी।
एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों के संचालन पर रोक है, लेकिन राजस्थान के अलवर और भरतपुर जिले में ऐसे हजारों पेट्रोल-डीजल वाहन सडक़ों पर दौड़ रहे हैं, जो कि अवधिपार हो चुके हैं। एनजीटी के एनसीआर क्षेत्र में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों के संचालन पर रोक के आदेशों के विरुद्ध वाहन मालिकों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। जिसे सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज कर दिया। इसके बाद एनजीटी के नियमों की सख्ती के पालना के लिए राजस्थान सरकार ने कार्रवाई शुरू कर दी है। अब अलवर और भरतपुर में सडक़ों पर दौड़ रहे अवधिपार पेट्रोल और डीजल वाहनों को जब्त कर उन्हें स्क्रेप किया जाएगा तथा अन्य जिलों व राज्यों के ऐसे पुराने वाहनों के एनसीआर क्षेत्र में संचालन पर भी रोक लगाई जाएगी। इसके लिए अलवर जिला परिवहन अधिकारी ललित गुप्ता की अध्यक्षता में स्क्रेपिंग कमेटी गठित कर दी गई है, जो कि इस पूरी प्रक्रिया का अध्ययन कर सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी।
दिल्ली जाकर जानी प्रक्रिया : अलवर डीटीओ ललित गुप्ता ने हाल ही दिल्ली ऑथोरिटी में जाकर अवधिपार वाहनों के स्क्रेपिंग की प्रक्रिया का अध्ययन किया। वहीं, हरियाणा के स्क्रेप सेंटरों का निरीक्षण कर स्क्रेपिंग प्रक्रिया के बारे में जानकारी ली। अभी तक वसूला जा रहा था जुर्माना: अलवर और भरतपुर जिलों में अवधिपार पेट्रोल और डीजल वाहनों के खिलाफ परिवहन विभाग की ओर से एनवायरमेंट कम्पनसेशन चार्ज के रूप में 5 हजार रुपए जुर्माना वसूला जा रहा है। जुर्माना राशि जमा कराने के बाद वाहन को छोड़ दिया जाता था और फिर ये वाहन वापस सडक़ों पर दौडऩा शुरू कर देते थे।