राजस्थान

16.26 करोड़ रुपये की साइबर ठगी का मास्टर माइंड हीरा व्यापारी

Admin4
28 April 2023 6:59 AM GMT
16.26 करोड़ रुपये की साइबर ठगी का मास्टर माइंड हीरा व्यापारी
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जोधपुर। विदेशी कंपनी में निवेश के बहाने एक हैंडीक्राफ्ट निर्यातक से 16.26 करोड़ रुपये की साइबर ठगी का मास्टर माइंड गुजरात के सूरत का हीरा व्यापारी है। जो देश से भागकर दुबई में बैठा है। उसके बैंक खाते में दस करोड़ रुपये जमा होने का पता चलते ही जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट ने बैंक खाते को सील करवा दिया था, लेकिन हीरा व्यापारी की फर्म के एक और घोटाले में फंसने के बाद ईडी ने उन्हीं बैंक खातों को भी सील कर दिया.
कमिश्नरेट में सायबर थाना प्रभारी सहायक पुलिस आयुक्त मांगीलाल जांच कर रहे हैं. साइबर सेल और आईटी के जानकारों की टीम जांच में जुटी है। जब व्यापारी द्वारा जिन बैंक खातों में पैसा जमा कराया गया था, उसकी जांच की गई तो पुलिस के भी होश उड़ गए। साइबर ठगी की रकम कुछ बैंक खातों में जमा की गई थी। फिर इनसे सैकड़ों अन्य बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर किए गए। साइबर ठगों ने बैंक खातों का ऐसा जाल बुना है कि मास्टर माइंड तक पहुंचना बेहद मुश्किल था. पुलिस ने सैकड़ों बैंक खातों और संचालकों के बारे में जानकारी जुटाई। तभी कहीं सूरत के हीरा व्यापारी का नाम सामने आया। जो लंबे समय से अपने साथियों के साथ विदेश में हो।
पुलिस जांच में सामने आया कि सूरत की हीरा डायमंड कंपनी के बैंक खाते में करीब दस करोड़ रुपए जमा हैं। जो हैंडीक्राफ्ट कारोबारियों से साइबर ठग हैं। राशि के दुरुपयोग को रोकने के लिए पुलिस ने बैंक खाते को सीज करवा दिया, लेकिन इससे पहले कि पुलिस अदालत की मदद से राशि जारी करती, ईडी ने भी इस खाते को जब्त कर लिया. ईडी को शक है कि हीरा कारोबारी ने सूरत के स्पेशल इकोनॉमी जोन से रूबी स्टोन के नाम पर सिंथेटिक रूबी पेंडेंट विदेशों में निर्यात किया था. इस घोटाले में एक हजार करोड़ रुपए का हवाला लेनदेन हुआ।
पावटा-ए रोड निवासी हस्तशिल्प व्यवसायी अरविंद कलानी को विदेशी कंपनी में सदस्यता लेने और बेहतर रिटर्न दिलाने का झांसा दिया गया। ठगे गए कारोबारी ने फर्म के ओडी खाते से 101 ट्रांजेक्शन कर साइबर ठगों के कई बैंक खातों में 16,26,21,387 रुपये जमा कराये थे. धोखाधड़ी का पता चलने पर 28 नवंबर को महामंदिर थाने में धोखाधड़ी और आईटी एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज किया गया था. अब तक 14 बैंक खाताधारकों को गिरफ्तार कर 2.52 करोड़ रुपये लौटाए जा चुके हैं।
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