राजस्थान
ठोस एवं तरल कचरा प्रबन्धन के लिये 847 गावों की विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन का अनुमोदन किया गया
Tara Tandi
25 July 2023 12:26 PM GMT

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स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत गावों में ठोस एवं तरल कचरा प्रबन्धन के लिये विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन का अनुमोदन मंगलवार को मिनी सचिवालय के सभागार में जिला कलक्टर आलोक रंजन की अध्यक्षता में आयोजित स्वच्छ भारत मिशन (ग्रा) कार्यकारी परिषद् की बैठक में किया गया।
बैठक में जिला कलक्टर ने निर्देशित किया कि उक्त कार्य में जन सहयोग, सहभागिता के माध्यम से कार्यो में गुणवता का ध्यान रखते हुये कार्य किए जाएं। उन्होंने कहा कि ग्रामों को स्वच्छ एवं आदर्श बनाने के साथ-साथ व्यक्तिगत शौचालय के निर्माण की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखते हुए उनका परिवार के सभी सदस्यों द्वारा उपयोग भी सुनिश्चित कराएं। उन्होंने जिला परियोजना समन्वयक को निर्देशित किया कि उक्त कार्य की साप्ताहिक मॉनिटरिंग करें। साथ ही आंगनबाड़ी शौचालयों में पानी की उपलब्धता भी सुनिश्चित करें।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नरेन्द्र सिंह राजपुरोहित ने बताया कि ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता के माध्यम से स्वास्थ्य सुरक्षा व जीवन स्तर में सुधार लाना, पर्यावरण प्रदूषण को कम करना, ठोस एवं तरल कचरे को रिसाईकिल करके पुनः उपयोग को बढ़ावा देना है। उन्होंने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के द्वितीय चरण के घटक व्यक्तिगत शौचालय, सामुदायिक स्वच्छता परिसर, ठोस व तरल कचरा प्रबंधन, प्लास्टिक कचरा प्रबंधन, फिकल स्लज प्रबंधन व गोबरधन है। साथ ही ओडिएफ प्लस गांवों को तीन चरणों में उदयमान, उत्कृष्ट एवं उज्ज्वल श्रेणी में घोषित किया जाएगा। अतः समुदाय के सहयोग से कार्य किया जाए ताकि समुदाय सहभागिता से स्वच्छता निरन्तरता बनी रहे।
उन्होंने पी.पी.टी के माध्यम से बताया की योजना के द्वितीय फेज में शहरों की तर्ज पर स्वच्छता के लिये समुदाय की सहभागिता व सहयोग से गांवों को स्वच्छ बनाया जाएगा। जिसमें ठोस प्रबन्धन के लिये गीला कचरा व सूखा कचरा अलग-अलग घरेलू स्तर पर खाद बनाना एवं उचित निस्तारण हेतु ट्राईसाईकिल, पुशकार्ट आदि के माध्यम से ग्राम स्तर पर कचरा संग्रहण करके प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर बनने वाले कचरा संग्रहण केन्द्र तक कचरा पहुंचाया जाएगा तथा वहां जैविक एवं अजैविक कचरे को अलग-अलग कर जैविक कचरे से खाद बनाई जाएगी तथा अजैविक कचरे को पुर्नचक्रण किया जाकर बाजार में बेचा जायेगा। जिससे ग्राम पंचायत व समुदाय को रोजगार एवं आय अर्जित होगी।
तरल कचरा प्रबन्धन के तहत घर का पानी घर में, मोहल्ले का पानी मोहल्ले में तथा गांव का पानी गांव में रहे इसके लिये घरेलू एवं समुदाय स्तर पर सोख्ता गड्ढा, लीच पीट, मैजिक पीट, किचन गार्डन, साथ ही नाली सफाई, नवीन नाली निर्माण व नाली मरम्मत के माध्यम से ग्रे-वाटर का उचित प्रबन्धन किया जाएगा, जिससे भू-जल स्तर में वृद्वि होगी। इस दौरान डी.पी.आर. के माध्यम से गांव की समस्याओं एवं प्रस्तावित कार्यो को दर्शाया गया।
जिला परियोजना समन्वयक मुकेश शर्मा ने बताया की जिले में ठोस एवं तरल कचरा प्रबन्धन हेतु गांव में निवास करने वाले प्रत्येक ग्रामीण जिसमें ग्राम के सरपंच, पंच पटेल मुखिया, मातृशक्ति व अन्य समस्त स्वच्छता के प्रति समर्पित जन समुदाय के सहयोग से ग्रामीण सहभागिता मूंल्याकन (पीआरए) व सामूहिक निर्णय के आधार पर अपने व्यवहार में परिवर्तन हेतु ठोस एवं तरल कचरा प्रबन्धन हेतु विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से गांव की समस्याओं का विश्लेषण किया गया। जिसमें जिला तथा पंचायत समिति, ग्राम पंचायत स्तरीय अधिकारी,ं कर्मचारियों एवं जिला सदर्भ व्यक्ति, स्वच्छाग्राही के सहयोग से डी.पी.आर तैयार की गई।
प्रभारी अधिकारी रमेश वर्मा द्वारा समस्त आठों पंचायत समितियों के 155 ग्राम पंचायतों के 847 ग्रामों में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रा0) योजना से 2086.56 लाख, पन्द्रहवें वित्त आयोग से 859.95 लाख व महात्मा गंाधी नरेगा से 6005.09 लाख, अन्य योजना से 670.16 लाख, कुल 9621.76 लाख की डीपीआर, वार्षिक कार्य योजना, सीएससी का कमेटी ने सर्वसम्मति से अनुमोदन किया गया।
बैठक में अधीक्षण अभियंता वाटरशेड जीतमल नागर, जल संसाधन के अधीक्षण अभियंता एम.के. गोयल, कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक कैलाश चन्द मीणा, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिशाषी अभियंता प्रदीप कुमार, मनरेगा के अधिशाषी अभियंता राजेश कुमार घाटिया, मुख्य आयोजना अधिकारी चतुरवर्ग मालपानी, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक गौरीशंकर मीना, राज्य संसाधन समूह के नामित सदस्य राजेन्द्र टांक सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
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Tara Tandi
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