राजस्थान
पेट्रोल-डीजल डालने के बावजूद नहीं जा भरतपुर का रावण, लोगों के छूटे पसीने
Shantanu Roy
6 Oct 2022 4:00 PM GMT

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भरतपुर। लोहागढ़ स्टेडियम में हर वर्ष की तरह जिला प्रशासन ने रावण दहन का कार्यक्रम आयोजित किया था. इसके लिए रावण के 52 फुट का पुतला बनवाया गया था. राज्यमंत्री डॉ सुभाष गर्ग ने रावण के पुतले में आग लगाई, लेकिन जिला प्रशासन की घंटे भर की मशक्कत के बावजूद रावण जला ही नहीं. हद तो तब हो गई जब रावण के पुतले को सरकारी कर्मचारी पेट्रोल, डीजल, केरोसिन, डालकर आग लगाने की कोशिश करते रहे, पर रावण के पुतले में आग नहीं लग सकी. रावण दहन के कार्यक्रम को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ आई थी, मगर उनको निराश होकर लौटना पड़ा था. खास बात यह देखने को मिली कि रावण दहन से पहले प्रशासन द्वारा आतिशबाजी करवाई गई. उसके बाद रावण दहन के कार्यक्रम में मंत्री ने बाकायदा विधि विधान के साथ रावण को आग लगाई. काफी संख्या में मौजूद लोग रावण के जलने का इंतजार करते रहे. मगर रावण पूरी तरह से नहीं जल सका.
डीजल-पेट्रोल भी न आया काम
आलम यह था कि नगर निगम के कर्मचारी, जेईएन सहित अन्य कर्मचारी बार-बार रावण के पुतले के पास पहुंच रहे थे और बार-बार आग लगाने का प्रयास कर रहे थे. इस दौरान रावण के पैरों सहित ऊपर तक पेट्रोल, डीजल, केरोसिन आदि भी प्लास्टिक की बोतल से छिड़के गए, तब जाकर रावण के सिर्फ पैर जल पाए, धड़ नहीं जल सका. इस दौरान प्रशासन के आला अधिकारियों में हड़कंप मचा रहा. वहां मौजूद मंत्री भी हक्का-बक्का रह गए और हजारों की संख्या में रावण का दहन देखने आए लोगों को निराश होना पड़ा.
रावण को नीचे गिराकर लगाई आग
आखिरकार प्रशासन की अनुमति के बाद रावण को नीचे गिराया गया. फिर केरोसिन, डीजल और पटाखे डालकर जलाया गया. तब प्रशासन ने राहत की सांस ली, लेकिन इससे पहले पब्लिक अपनी जगह छोड़कर जा चुकी थी. इस दौरान नगर निगम आयुक्त ने रावण बनाने वाले उत्तर प्रदेश के फतेहपुर सीकरी के कारीगर को काफी खरी-खोटी सुनाई.
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