भीलवाड़ा ग्रामीण अंचलों में ढेलेदार बीमारी गायों पर कहर बरपा रही है। जिससे रोजाना कई गायों की मौत हो रही है। इस दौरान संवेदनहीनता का आरोप लगाते हुए गांव के शव को ग्राम पंचायत भवन के बाहर रख कर प्रदर्शन किया. ग्रामीणों का आरोप है कि समस्या की जानकारी सरपंच को देने के बावजूद सरपंच ने नहीं सुनी. जानकारी के अनुसार ग्रामीणों ने बताया कि रामनिवास कुमावत पंचायत में प्रतिदिन सरपंच आते हैं, लेकिन गाय को नजरंदाज कर चले जाते हैं. यह गाय 10 दिनों से लंबी बीमारी से जूझ रही है। अभी तक पंचायत द्वारा गाय का उपचार नहीं किया गया है और न ही गायों को दफनाने की कोई व्यवस्था की गई है. जिससे ग्रामीणों में बीमारी फैलने का भय बना हुआ है।
ग्रामीण विष्णु कुमार शर्मा ने बताया कि गांव के कुछ युवकों ने गाय के इलाज की जानकारी सरपंच को दी, फिर भी पंचायत प्रशासन की ओर से कोई सहयोग नहीं मिला. गांव के युवक का कहना है कि गांव में करीब 15 से 20 गायों की मौत लम्पी रोग से हो चुकी है. युवक के सहयोग से सभी गायों को जमीन में गाड़ दिया गया, लेकिन सरपंच का सहयोग नहीं करने पर ग्रामीणों में आक्रोश है. दिनेश गुर्जर, भेरू लाल प्रजापत, विश्वास पंचोली, मुकेश गुर्जर, शिवराज वैष्णव सहित ग्रामीण लगातार ग्रामीण गायों की सेवा में लगे हुए हैं. सरपंच रामनिवास कुमावत का कहना है कि गांव के कुछ लोगों ने मृत गाय को पंचायत भवन में डाल दिया. मौके पर जेसीबी बुलाई गई और गाय को फेंक दिया गया।