राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने नई दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में पीएम मोदी से ERCP को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग की। सीएम गहलोत आज नई दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में आयोजित नीति आयोग की शासी परिषद की 7 वीं बैठक में शामिल हुए। गहलोत ने केंद्र सरकार से पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने सहित विभिन्न केंद्र प्रवर्तित योजनाओं में केंद्र की आर्थिक सहायता बढ़ाने की मांग की। सीएम गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में राजस्थान से जुड़े मुद्दों पर मजबूती से पक्ष रखा। सीएम ने कहा, ERCP 37 हजार करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी परियोजना है। जिससे पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में लगभग 2 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की सुविधा मिल सकेगी। पूर्वी राजस्थान तिलहन उत्पादन का मुख्य क्षेत्र है। साथ ही राष्ट्रीय परियोजना घोषित होने से इन जिलों में पेयजल समस्या का भी समाधान होगा। पीएम मोदी ने इस परियोजान के संबंध में पूर्व में सकारात्मक रूख अपनाने का वादा किया था। ERCP से जल जीवन के सफल क्रियान्वयन में मदद मिलेगी।
राजस्थान में सियासी मुद्दा बना है ईआरसीपी प्रोजेक्ट
राजस्थान की राजनीति में ईआरसीपी के मुद्दे पर कांग्रेस-भाजपा के नेताओ में जुबानी जंग जारी है। दोनों ही दलों के नेता एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। सीएम गहलोत और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के बीच ट्वीटर वार तक हो चुका है। सीएम गहलोत ने हाल ही में ईआरसीपी के मुद्दे पर राजधानी जयपुर में सर्वदलीय बैठक भी बुलाई थी। जिसमें में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया, नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया शामिल नहीं हुए। सीएम गहलोत ने कहा कि ईआरसीपी वसुंधार सरकार द्वारा बनाई गई योजना है। योजना की डीपीआर भी भाजपा ने बनाई थी। हम तो सिर्फ योजान को आगे बढ़ा रहे हैं। भाजपा नेताओं को सहयोग करना चाहिए। जबकि भाजपा का कहना है कि राज्य सरकार को संशोधित डीपीआर भेजनी चाहिए। गहलोत सरकार ऐसा नहीं कर रही है।
पीएम मोदी ने किया था वादा
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव के दौरान अजमेर और जयपुर में आयोजित जनसभा में ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने का वादा किया था। हालांकि, केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखाव ने कहा कि ऐसा कोई वादा नहीं किया। राज्य के जलदाय मंत्री महेश जोशी ने सबूत के तौर पर पीएम मोदी के भाषण का वीडियो भेजकर पलटवार किया था। कांग्रेस का कहना है कि संशोधित डीपीआर भेजने से करीब 2 लाख सिंचाई हेक्टेयर कम हो जाएगा। जिससे परियोजना का लाभ नहीं मिल पाएगा।