राजसमंद: राजस्थान मिशन 2030 के तहत शुक्रवार को नगर परिषद सभागार में आयोजित शिविर में शहर वासियों ने अपने सुझाव दिए। इस दौरान राजसमंद को स्मार्ट सीटी बनाने व राजसमंद से उदयपुर तक मेट्रो ट्रेन चलाने की मांग उठी।
नगर परिषद के सभागार मे शहर के प्रबुद्ध जन, हितधारकों एवं विषय विशेषज्ञों ने भाग लिया ओर अपनी परामर्श व सुझाव दिए। शिविर में फेराफेरी क्षेत्र में कन्वर्जन का सरलीकरण करने और विकास कार्य को लेकर पूर्व जिला प्रमुख नारायण सिंह भाटी ने सुझाव दिया।
इसमें उन्होंने नगरीय क्षेत्र में पेराफेरी क्षेत्र में आने वाली भूमी के कन्वर्जन का सरलीकरण करने एवं उनसे लिए जाने वाले विकास शुल्क से कॉलोनियां का विकास करने का सुझाव दिया।
गोविंद सनाढ्य ने राजसमन्द-नाथद्वारा एवं पीपरड़ा-बडारड़ा को मिलाकर प्राधिकरण बनाते हुए विकास के कार्यों में गति लाने का सुझाव दिया। इसी तरह पार्षद हिमानी नन्दवाना ने सुझाव दिया कि राजसमंद का मास्टर प्लान 2011 में बनाया गया था, जिसमें भी बहुत सारी खामियां हैं। शहर की मुख्य सड़कों पर व्यवसायिक के स्थान पर आवासीय भू-उपयोग दिखाया गया है। इसलिए शहर की आवश्यकता के अनुसार लोगों की राय लेकर मास्टर प्लान में सुधार करने की जरूरत है।
पार्षद हेमन्त गुर्जर ने सुझाव दिया कि राजसमंद को स्मार्ट सिटी घोषित कर उसी तर्ज पर विकास करवाया जाए और विद्युत लाइन को भूमिगत किया जाए तथा फ्री वाईफाई जोन बने और सीवरेज का कार्य जल्द पूर्ण करवाया जाए। बैठक में नगर परिषद सभापति अशोक टांक, आयुक्त राम किशोर मेहता, परसराम पोरवाड़, कमलेश साहु, बहादुर सिंह चारण, चंचल नंदवाना और पार्षद व प्रबुद्ध जन मौजूद थे।