राजस्थान

दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद लिया फैसला, हत्या के आरोपी को राजस्थान हाईकोर्ट से मिली जमानत

Admin4
20 Sep 2022 9:19 AM GMT
दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद लिया फैसला, हत्या के आरोपी को राजस्थान हाईकोर्ट से मिली जमानत
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जोधपुर: हत्या के आरोपी पूनाराम की राजस्थान उच्च न्यायालय (Rajasthan High Court) से जमानत हुई. राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश मनोज कुमार गर्ग की अदालत में सुनवाई हुई. पहली बार हाईकोर्ट में एपियर हुई नई अधिवक्ता समृद्धि सारस्वत ने आरोपी की ओर से पैरवी की. अधिवक्ता समृद्धि सारस्वत द्वारा आरोपी को झूठा फंसाने संबंधी तथ्य पेश किए गए हैं.
धक्का-मुक्की के दौरान गिरने के कारण सिर में चोट आने से नेनाराम की मौत हुई थी. सभी पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश मनोज कुमार गर्ग ने जमानत पर हत्या के आरोपी को रिहा किया है. समृद्धि सारस्वत जाने माने अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत की पुत्री है. राजस्थान हाई कोर्ट ने हत्या के आरोपी पुनाराम को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं.
अभियोजन की कहानी के अनुसार रानी निवासी परिवादी नकीनकुमार ने एक रिपोर्ट पुलिस थाना फालना में इस आशय की दर्ज करवाई थी कि वह अपने परिवार सहित बैठा था. तब अचानक पुनाराम चौधरी, हकाराम और नेताराम ने परिवादी, उसके पिता, नेनाराम, माता सुखीदेवी और भाई जुगलकिशोर पर डंडों और सरियों से हमला किया. उसकी माँ के गले की चैन छीन ली और उसके कपड़े फाड़ दिए. मारपीट में उसके पिता के सिर पर गम्भीर चोट आई तत्पश्चात उसके पिता का निधन हो गया.
पुलिस ने आरोपी और अन्य को गिरफ्तार किया और बाद अनुसंधान न्यायालय में चार्जशीट पेश की. आरोपी का जमानत आवेदन अपर सेशन न्यायाधीश बाली द्वारा खारिज कर दिया गया. तत्पश्चात आरोपी की ओर से जमानत याचिका हाई कोर्ट में पेश की गई. आरोपी पुनाराम की अधिवक्ता समृद्धि सारस्वत ने जमानत याचिका पर बहस करते हुए तर्क दिया कि आरोपी को झूठा फसाया गया है. नेनाराम के साथ कोई मारपीट नहीं की गई थी.
जमानत याचिका पर बहस करते हुए दिया तर्क:
धक्का-मुक्की में गिरने के कारण उसके सिर में चोट आई थी और सिर की चोट के कारण ही उसकी मृत्यु हुई थी. इसलिए आरोपी को जमानत पर रिहा किया जाए. लोक अभियोजक और परिवादी के अधिवक्ता ने जमानत आवेदन का विरोध करते हुए तर्क दिया कि आरोपीगण के द्वारा की गई मारपीट के कारण नेनाराम के सिर में चोट आई. जिसके कारण उसकी मृत्यु हो गई इसलिए उसे जमानत पर नहीं छोड़ा जाए. दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात न्यायाधीश मनोज कुमार गर्ग ने आरोपी को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए.

न्यूज़क्रेडिट: firstindianews

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