हाइवे पर मौत का खेल: पीडब्ल्यूडी की शह पर टोल कम्पनी की मनमानी
कोटा न्यूज़: बारां-लालसोट-उनियारा स्टेट हाइवे पर हाल ही में सड़क के दो हिस्सों के बीच गहरी दरारों में टायर फंसकर स्लीप होने से बाइक सवार महिला की दर्दनाक मौत होने के बाद भी पीडब्ल्यूडी विभाग नहीं चेता। विभाग फिर से सड़कें खून से लाल होने का इंतजार कर रहा है। स्टेट हाइवे 1-ए की तरह हाइवे-70 पर भी कदम-कदम पर मौत घात लगाए बैठी है। पीडब्ल्यूडी अधिकारियों की शह पर टोल संग्रह कम्पनी चेतक जैनको जमकर मनमानी कर रही है। वाहन चालकों से प्रतिदिन लाखों का टैक्स वसूला जा रहा है फिर भी सड़कों की मरम्मत नहीं करवाई जा रही। दरअसल, स्टेट हाइवे-70 पर दीगोद से सुल्तानपुर तक सीसी सड़क पर 3 इंच चौड़ी और डेढ़ इंच गहरी दरारें आ रही हैं। जिनमें वाहनों के टायर फंसने से हादसों का खतरा बना रहता है। ग्रामीणों की शिकायत के बावजूद अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। जबकि, हाइवे मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी की है, फिर भी अधिकारी आंखें मूंदे पड़े हैं।
स्टेट हाइवे-70 पर घात लगाए बैठी मौत
टोल टैक्स चुकाने के बावजूद हाइवे पर वाहन चालकों की जान संकट में रहती है। टोल वसूलने वाली कम्पनी सिर्फ पैसा वसूलने में लगी है। खस्ताहाल सड़कों की मेंटिनेंस पर कोई ध्यान नहीं है। जबकि, जनता इसी बात का पैसा देती है कि इसके बदले उन्हें अच्छी सड़क मिले। स्टेट हाइवे-70 पर जगह-जगह गहरी दरारें हैं। जिनमें वाहनों के टायर फंसने से दुर्घटना का खतरा बना रहता है। पूर्व में ग्रामीणों व वाहन चालकों ने पीडब्ल्यूडी विभाग को शिकायत की थी। इसके बावजूद टोल एजेंसी की लापरवाही पर अंकुश नहीं लग पाया। जबकि, यहां से प्रतिदिन तीन हजार से अधिक वाहन गुजरते हैं। गडढे़नुमा दरारों में मौत घात लगाए बैठी है। अधिकारियों की निष्क्रियता के कारण यहां भी बारां-लालसोट जैसा हादसा होने का खतरा बना रहता है।
टायर फंसने पर ही हो सकती है गंभीर दुर्घटना
स्टेट हाइवे-70 पर जोखिमभरा सफर दीगोद से ही शुरू हो जाता है, जो सुल्तानपुर तक जारी है। 12 किमी की इस सीसी सड़क पर जगह-जगह गहरी दरारें व गड्ढ़े हो रहे हैं। जिससे हादसों का खतरा बना रहता है। हालात यह है, सड़क के दोनों हिस्सों के बीच करीब 3 इंच चौड़ी और एक से डेढ़ इंच गहरी दरारें हैं। जिनमें टायर फंसने से वाहनों का बैलेंस बिगड़ रहा है। कई बार वाहन चालक गिरकर चोटिल हो चुके हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है, यहां पीडब्ल्यूडी अधिकारियों का गुजरना होता है। फिर भी सड़कों की दुर्दशा दिखाई नहीं देती।
सड़क के दोनों ओर ग्रेवल तक नहीं
सड़क के दोनों तरफ कच्ची जमीन है, जो सड़क से काफी नीचे है। दरारों के कारण वाहन असंतुलित होने पर या सामने से भारी वाहनों के आने के दौरान साइड देने पर वाहन सड़क से नीचे उतर जाते हैं। जिससे कई बार वाहन अनियंत्रित होकर खेतों में या खाई में गिरने से दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। जबकि, नियमानुसार सड़क के दोनों ओर खाली जमीनों पर सड़क बनाई जाए या फिर ग्रेवल डाली जाए। ताकि, वाहनों के सड़क से नीचे उतरने पर दुघर्टनाग्रस्त होने से बच सके।
सफेद लाइनिंग भी नहीं
पीडब्ल्यूडी विभाग ने स्टेट हाइवे-70 का टोल संग्रह करने की जिम्मेदारी चेतक जैनको टोलवेज लिमिटेड कम्पनी को सौंपा हुआ है। मेंटिनेंस व रोड मार्किंग पर कोई ध्यान नहीं दे रही। ताथेड़ से इटावा तक हाइवे पर अधिकतर जगहों पर सफेद रंग की लाइनें तक नहीं करवाई गई। जिससे रात को हाइवे पर दौड़ने वाले वाहनों को साइडों का पता नहीं लग पाता।
पीडब्ल्यूडी को नहीं दिख रही कम्पनी की मनमानी
स्टेट हाइवे का टोल ताथेड़ से शुरू हो जाता है, जो इटावा तक जारी रहता है। मूंडला तक डामर सड़क बनी हुई है। जबकि, दीगोद से सुल्तानपुर तक सीसी है। दोनों कस्बोें के बीच करीब 12 किमी का फासला है। प्रतिदिन हजारों लोगों का आवागमन रहता है। वहीं, हाइवे से रोजाना 3 हजार वाहन गुजरते हैं, जिनसे टोल कम्पनी लाखों का टैक्स वसूलती है। इसके बावजूद सड़कों की मरम्मत पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। जबकि, पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों का यहां से गुजरना होता है फिर भी उन्हें हाइवे की बदहाली दिखाई नहीं देती।
स्टेट हाइवे 1-ए : दरारों में फंसा बाइक का टायर, महिला की मौत
स्टेट हाइवे 1-ए पर गत 9 फरवरी को सड़क पर आ रही दरारों में टायर फंसने से बाइक अंसतुलित हो गई। जिससे बाइक सवार महिला गायत्री की सिर के बल सड़क पर गिरने से मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, पिता महावीर प्रजापति व 4 माह का पुत्र चोटिल हो गए। गेंता से इटावा के बीच इस सड़क के दो हिस्सों के बीच करीब 4 इंच चौड़ी व 3 इंच गहरी दरार आ रही है। जिसकी जानकारी होते हुए भी पीडब्ल्यूडी के अधिकारी आंखें मूंदे रहे। उनकी लापरवाही से हंसता खेलता परिवार उजड़ गया। वर्ष 2018 में पीडब्ल्यूडी ने सड़क का निर्माण करवाया था। इसके बाद से ही सड़क की मरम्मत नहीं करवाई गई।
बाइक सवारों को सबसे ज्यादा खतरा
सुल्तानपुर से दीगोद तक सीसी सड़क पर 3 इंच चौड़ी दरारों से दुर्घटना का सबसे ज्यादा खतरा बाइक सवारों है। कई बार ओवरटेक के दौरान भारी वाहन सड़क की दूसरी साइड़ पर आ जाते हैं। ऐसे में सामने से आने वाले बाइक सवारों को साइड देने के दौरान पहिए दरारों में फंस जाते हैं। जिससे बाइक असंतुलित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो जाती हैं। पूर्व में कई वाहन चालक हादसों का शिकार हो चुके हैं। इसी मामले को लेकर 10 जून 2020 को विधायक भरत सिंह ने पीडब्ल्यूडी के अतिरिक्त मुख्य अभियंता को पत्र लिखा था।
हाइवे किनारे उग रही झाड़ियां
हाइवे के दोनों किनारे बड़ी-बड़ी झाड़ियां उगी हुई हैं। लंबे समय से इनकी सफाई तक नहीं करवाई गई। कोटा से इटावा तक कई जगहों पर झाड़ियां सड़क तक आ रही है। जिसके कारण चालकों को सामने से आने वाले वाहन दिखाई नहीं देते। वहीं भारी वाहनों को साइड देने के दौरान बाइक सवार कंटीली झाड़ियों से चोटिल हो जाते हैं। वाहन चालक शोएब खान ने बताया कि ताथेड़ से मूंडला तक रोड अच्छी स्थिति में है लेकिन दीगोद से सुल्तानपुर तक सड़कें बदहाल है।
स्टेट हाइवे-70 पर दीगोद से इटावा के बीच सीसी सड़क पर गहरी दरारें हैं, जिसकी मेंटिनेंस की जिम्मेदारी संबंधित टोल एजेंसी की है। वहीं, रोड मार्किंग, सड़कों पर सफेद लाइनें करवाना, संकेतक बोर्ड लगवाना, किनारों पर ग्रेवल करवाना सहित अन्य कार्य शामिल हैं। एजेंसी काम कर रही है या नहीं इसकी मॉनिटरिंग का जिम्मा पीडब्ल्यूडी अधिकारी का है। यदि एजेंसी निर्धारित मापदंड के अनुरूप काम नहीं करती है तो अधिकारी टोल संग्रह कम्पनी के खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं।
-धीरेंद्र माथूर, रिटायर्ड मुख्य अभियंता पीडब्ल्यूडी
मैं कोटा से बाहर हूं, इस संबंध में अभी बात नहीं कर सकता। वैसे, जो छापना है छाप दो, फर्क नहीं पड़ता।
-संदीप भदौरिया, मैनेजर, चेतक जैनको टोलवेज लिमिटेड कम्पनी
एक महीने पहले ही सड़कों पर आ रही दरारें, सफेद लाइनिंग करवाने, सड़क किनारे ग्रेवल बिछाकर जगह समतल करवाने सहित अन्य मरम्मत कार्य को लेकर चेतक जैनको टोलवेज कम्पनी को नोटिस दिया था। लेकिन, उन्होंने अभी तक मरम्मत को लेकर कोई काम नहीं किया। ऐसे में उचित कार्रवाई के लिए अधीक्षण अभियंता को रिपोर्ट सौंपेंगे। पूर्व में मूंडला सहित आसपास के ग्रामीणों ने इसकी शिकायत की थी।
-कमलराम मीणा, सहायक अभियंता पीडब्ल्यूडी
मामला सामने आया है। अधीक्षण अभियंता को बोलकर टोल एजेंसी को क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत करवाने के लिए पाबंद करेंगे। इसके बावजूद काम नहीं हुआ तो संबंधित टोल कम्पनी के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करेंगे।
-नारायण सिंह, अतिरिक्त मुख्य अभियंता कोटा