इलाहाबाद न्यूज़: नगर निगम के सीमा विस्तार वाले क्षेत्रों में ट्रांसफॉर्मर और बिजली लाइन बिछाने के लिए विभाग को 25 करोड़ रुपये मिल चुके हैं. अप्रैल के पहले सप्ताह में इसका टेंडर भी हो गया, लेकिन अभी तक कुछ जगहों पर सिर्फ पोल लगाने का ही काम हो सका है. जबकि जून तक यह सभी काम पूरे हो जाने थे. अब मुख्य अभियंता ने इस लापरवाही पर सख्त रुख अपनाया है. कहा है कि विद्युतीकरण का कार्य जल्द पूरा नहीं किया जाता है तो एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
परिसीमन के बाद शहरी क्षेत्र में शामिल नैनी, झूंसी और बम्हरौली के 207 ग्रामीण इलाकों में 24 घंटे की बिजली आपूर्ति की जानी है. इसके लिए कुल 164 किमी बिजली लाइन बिछाने के साथ ही 94 ट्रांसफॉर्मर लगाए जाने हैं. तीन महीने में विद्युतीकरण का काम पूरा करने के निर्देश दिए गए. लेकिन
आलम यह है कि अभी तक सर्वे, रूट बनाने का काम ही पूरा नहीं हो सका है. कुछ स्थानों पर खंभे ही लगाए जा सके हैं.
बम्हरौली डिवीजन के झलवा, उपरहार, कसारी-मसारी आदि क्षेत्रों में कुल 77 किमी एलटी लाइन और 11 किमी 11 केवी लाइन बिछाई जानी है.
गंगापार में बिजली पोल लगाने तक सिमटा काम:
गंगापार में कटका, झूंसी, अंदावा, सराय इनायत, चमनगंज आदि क्षेत्रों में तीन किमी अंडरग्राउंड केबल के साथ ही 26 किमी 11 केवी और 37 किमी एलटी लाइन बिछाई जानी है. अलग-अलग क्षमता के 37 ट्रांसफॉर्मर भी लगने हैं. जिसके लिए नौ करोड़ रुपये आवंटित है. एजेंसी अभी तक यहां सिर्फ कुछ पोल ही लगा सकी है.
उपकरण ही नहीं पहुंचे:
यमुनापार के अरैल करबला, देवरख उपरहार, मड़ौका आदि इलाकों में कुल छह करोड़ 33 लाख की लागत से 10 किमी 11 केवी और एलटी लाइन बिछाई जानी है. इन इलाकों में 34 नए ट्रांसफॉर्मर भी लगेंगे. लेकिन न तो केबल आए, न ही ट्रांसफॉर्मर की व्यवस्था हो पाई.
शहरी क्षेत्र में शामिल ग्रामीण इलाकों में विद्युतीकरण का काम तेजी से कराने के लिए एजेंसियों को निर्देश दिए गए हैं. अगर एजेंसियों की ओर से लापरवाही बरती जाती है तो काम छीना भी जा सकता है.
विनोद कुमार गंगवार, मुख्य अभियंता