सवाई माधोपुर: सवाईमाधोपुर रणथंभौर की बाघिन टी-79 के शावक का शव फलौदी रेंज के भैरुपुरा क्षेत्र में मिने के बाद बाघिन की मौजूदगी को लेकर भी कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। बाघिन 22 दिन से दिखाई नहीं दी है। शावक का शव मिलने के बाद वन विभाग लगातार इस बाघिन की तलाश कर रहा है, लेकिन उन्हें फिलहाल सफलता नहीं मिली है।
वन विभाग के सूत्रों के अनुसार तो बाघिन को अंतिम बार 14 अगस्त को कैमरा ट्रेप में देखा गया था। इसके बाद से बाघिन विचरण क्षेत्र में लगे कैमरा ट्रेप में कैद नहीं हुई है। इससे वन विभाग की घड़कने बढ़ गई है। अब बाघिन के शावक का शव मिलने की घटना ने वन विभाग के सामने संकट खड़ा कर दिया है। बाघिन को लेकर वन विभाग खासा चिंतित है। वनाधिकारियों के आदेश पर चार टीमें शावक के शव मिलने वाले स्थान से पांच किलोमीटर के सर्कल में बाघिन की तलाश में जुटे हैं।
हाल ही बाघिन के शावक का शव मिलने तथा 22 दिन से बाघिन के दिखाई नहीं देने से बाघिन के अस्तित्व पर ही सवाल खड़े होने लगे हैं कि बाघिन जिन्दा भी है या नहीं। वन जीव विशेषज्ञों की मानें तो बाघिन अपने नवजात शावकों को छोड़कर नहीं जाती है। यदि शिकार के लिए जाती भी है तो कुछ समय बाद शिकार कर लौट आती है। क्योंकि शावकों को अन्य बाघों एवं हिंसक जानवरों से भी खतरा रहता है। ऐसे में बाघिन का 22 दिन से दिखाई नहीं देने तथा शावक की मौत होने की घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। बाघिन टी-79