Dausa: पोक्सो केस में कोर्ट का अहम फैसला, आरोपी को साक्ष्य के अभाव में किया बरी

दौसा: पोक्सो कोर्ट दौसा की न्यायाधीश रेखा राठौड़ ने एक बहुचर्चित नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में अहम फैसला सुनाते हुए आरोपी राजेश सैनी को दोषमुक्त करार दिया। कोर्ट ने इस पूरे प्रकरण को "रुपयों के लेन-देन का मामला" माना और कहा कि अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में असफल रहा।
20 अक्टूबर 2021 को पीड़िता के पिता ने दौसा एसपी को एक परिवाद देकर गंभीर आरोप लगाए थे। आरोप के अनुसार, पीड़िता (उम्र 13 वर्ष) 20 सितंबर को जयपुर में अपनी बड़ी बहन से मिलने गई थी। रास्ता भटक जाने पर वह सिकंदरा लौट आई लेकिन रात हो जाने के कारण गांव वापस जाने का साधन नहीं मिला। तभी एक युवक मोटरसाइकिल से पहुंचा और "गांव छोड़ने" का कहकर उसे अपने साथ बैठा लिया।
पीड़िता के अनुसार, युवक ने गांव की बजाय बाइक को बांदीकुई की ओर मोड़ दिया। जब उसने आपत्ति जताई, तो युवक ने चाकू दिखाकर धमकाया और एक ढाबे पर ले जाकर पत्थर की टाल में रात भर कथित तौर पर कई बार दुष्कर्म किया। आरोपी ने अगले दिन सुबह उसे उसके रिश्तेदारी गांव में छोड़ते हुए अपना नाम "राजेश सैनी" बताया और एक मोबाइल सिमकार्ड देकर संपर्क में रहने को कहा।
पीड़िता की शिकायत पर थाना सिकंदरा में भारतीय दंड संहिता की धाराएं 376 (बलात्कार), 363 (अपहरण), 506 (धमकी), 342 (अवैध बंदी), पोक्सो एक्ट की धारा 3/4 और एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर आरोपी राजेश सैनी, निवासी मोहचिंगपुरा, को गिरफ्तार किया गया और न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया।
आरोपी के वकील रमेश सैनी ने पोक्सो कोर्ट दौसा से ही उसे जमानत पर रिहा कराया और मुकदमे की सुनवाई शुरू हुई। अभियोजन पक्ष की ओर से 13 गवाहों और 15 दस्तावेजों को कोर्ट में प्रस्तुत किया गया। वहीं, बचाव पक्ष ने 3 गवाहों और 2 दस्तावेजों के जरिये अपना पक्ष रखा।
दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद न्यायाधीश रेखा राठौड़ ने पाया कि मामला प्रथम दृष्टया यौन अपराध का कम और रुपयों के लेन-देन से संबंधित अधिक प्रतीत होता है। न्यायालय ने यह भी माना कि अभियोजन यह प्रमाणित नहीं कर सका कि आरोपी ने बलपूर्वक या चाकू की धमकी देकर पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया।
इस आधार पर न्यायालय ने आरोपी राजेश सैनी को दोषमुक्त करार देते हुए मुकदमा समाप्त कर दिया।
